छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर फिर सबसे कम, CM भूपेश ने ट्वीट कर कही ये बात
CMIE Report Update: देश के सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ एक बार फिर अव्वल रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार फरवरी माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 0.8 प्रतिशत रही। राज्य की सितंबर 2022 में बेरोजगारी दर 0.1 प्रतिशत और अगस्त 2022 में 0.4 प्रतिशत थी।
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जनवरी 2023 में बेरोजगारी दर 0.5% थी। देश की औसत बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत है। देश में फरवरी महीने में बेरोजगारी दर 7.45% रही। जनवरी में 7.14% थी। हालांकि शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 8.55% से घटकर 7.93% हो गई। जबकि ग्रामीण इलाकों में दर 6.45% से बढ़कर 7.23% पहुंच गई। यानी बेरोजगारी दर अब भी शहरों में ही ज्यादा है। CMIE के सर्वे के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर राजस्थान और हरियाणा में है। हरियाणा में 29.4% और राजस्थान में 28.3% है। (CMIE Report Update)
जब छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर घटती है
तब प्रदेश में ED और IT की रेड पड़ती है pic.twitter.com/XHKSRSFiR1— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 2, 2023
छत्तीसगढ़ (0.8%) और मध्यप्रदेश (2.0%) सबसे अच्छी स्थिति में नजर आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में ग्रामीण महिलाओं की स्थिति बेहतर रही है। शहरी महिलाओं में बेरोजगारी दर 27.9% तक थी, जबकि ग्रामीण महिलाओं में ये सिर्फ 4.5% दर्ज हुई थी। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि जब छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर घटती है तब प्रदेश में ED और IT की रेड पड़ती है। देश के सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्य का गौरव लगातार बरकरार है। (CMIE Report Update)
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर महज 0.8%
सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2023 में राज्य की बेरोजगारी दर 0.8%
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel की नीतियां ला रही रंग
देश के सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्य का गौरव लगातार बरकरार#CGModel @_CMIE
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) March 2, 2023
सरकार ने योजनाओं की सफलता बताई
अधिकारियों का कहना है कि बेरोजगारी दर कम होने का मतलब है कि सरकार की योजनाएं अपना असर दिखा रही हैं। छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने वाली और रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर सरकार का सर्वाधिक जोर रहा। सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों की कर्जमाफी, जल कर की माफी से बड़ी संख्या में लोग खेती के काम में लगे। उसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नयी औद्योगिक नीति का निर्माण, वन और कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था आदि से आय के साधन बढ़े। (CMIE Report Update)