Corona Effect: कोरोना की वजह से छात्रों के प्रदर्शन में आई गिरावट, केंद्र ने जारी किए आंकड़े
Corona Effect: कोरोना ने हर वर्ग को प्रभावित किया है, लेकिन सबसे ज्यादा असर पढ़ाई पर हुआ है। कोरोना के केस मिलते ही स्कूलों को महीने तक बंद कर दिया गया, जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई पर बहुत ज्यादा असर हुआ है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने एक सर्वे कराया, जिसमें सामने आया है कि कोरोना महामारी के दौरान पढ़ाई का गंभीर संकट पैदा हो गया। साल 2017 और 2021 के बीच गणित से लेकर सामाजिक विज्ञान तक के विषयों में छात्रों के प्रदर्शन में 9% तक की गिरावट दर्ज की गई है।
यह भी पढ़ें:- Sex Work Legal In India: अब सेक्स वर्कर्स को गिरफ्तार नहीं कर पाएगी पुलिस, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वेश्यावृत्ति भी एक पेशा
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 का आयोजन शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने किया था। इसका मकसद तीसरी, पांचवी, आठवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों के पाठन और सीखने समेत स्कूली शिक्षा प्रणाली की स्थिति का मूल्यांकन करना था। इस सर्वेक्षण में ग्रामीण (Corona Effect) और शहरी क्षेत्र के 1.18 लाख स्कूलों के 34 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया। कक्षा तीसरी में भाषाओं में 2017 में 68 की तुलना में 2021 में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों का राष्ट्रीय औसत 62 था। गणित के अंक 57 और 64 हैं, जो सात प्रतिशत अंकों की गिरावट को दर्शाता है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन, जब अलग-अलग देखा गया तो यह सर्वे बताता है कि कई ने राष्ट्रीय औसत से नीचे प्रदर्शन किया। उदाहरण के लिए झारखंड और दिल्ली दोनों का गणित स्कोर 47-47 है।
कक्षा पांचवीं के गणित विषय में राष्ट्रीय औसत स्कोर 44 है, 2017 में 53 की तुलना में नौ प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। राष्ट्रीय औसत भाषा स्कोर में अंतर तीन प्रतिशत अंक बढ़ गया है। 2017 में 58 से 2021 में 55 हो गया है। राज्य-वार औसत स्कोर बताते हैं कि गणित में आंध्र प्रदेश ने 40, छत्तीसगढ़ (Corona Effect) ने 35 और दिल्ली ने 38 स्कोर किया। हालांकि राजस्थान का स्कोर 53 रहा, जो राष्ट्रीय औसत से नौ प्रतिशत अधिक है। आठवीं कक्षा में राष्ट्रीय औसत गणित में 42 से 36, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में 44 से 39 और भाषा में 53 से 57 पर आ गई।
गणित में तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ 30-30 अंकों के साथ राष्ट्रीय औसत से पिछड़ गए। 50 के स्कोर के साथ, पंजाब ने राजस्थान (46) और हरियाणा (42) के साथ राष्ट्रीय औसत से बहुत अधिक स्कोर किया। दसवीं कक्षा का कोई तुलनात्मक विश्लेषण नहीं किया जा सका, क्योंकि 2017 के NAS दौर में इस ग्रेड के छात्रों को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन 2021 की संख्या हर ग्रेड के साथ प्रदर्शन में गिरावट को दर्शाती है। सर्वेक्षण के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर गणित का (Corona Effect) स्कोर 32 है। विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और आधुनिक भारतीय भाषा में स्कोर क्रमश: 35, 37, 43 और 41 हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि पंजाब ग्रेड और विषयों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला था।
केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट में महामारी के दौरान घर पर पठन-पाठन के खंड में कहा गया है कि 45 प्रतिशत छात्रों के लिए घर पर पढ़ना मजेदार रहा। जबकि 38 प्रतिशत छात्रों को घर पर पढ़ाई करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। महामारी के दौरान 24 प्रतिशत छात्रों को घर पर कोई डिजिटल उपकरण उपलब्ध नहीं हुए। सर्वेक्षण में 50 प्रतिशत छात्रों को घर और स्कूल में पढ़ाई करने में कोई अंतर नहीं महसूस हुआ। इस अवधि में 78 प्रतिशत छात्रों के लिए काफी एसाइनमेंट मिलना बोझ का कारण बन गया। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (Corona Effect) रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर 87 प्रतिशत स्कूलों ने अभिभावकों को यह बताया कि बच्चों को पठन पाठन में कैसे सहयोग करें। वहीं 7 प्रतिशत स्कूलों में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने की बात भी सामने आई । सर्वेक्षण में 17 प्रतिशत स्कूलों में कक्षा में पर्याप्त जगह की कमी की बात सामने आई। हालांकि अब फिर से स्कूल-कॉलेज खोल दिए गए हैं।