Wakf Board News : देश में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि केंद्र वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने के लिए एक विधेयक ला सकता है। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले, जब संसद सत्र चल रहा है, तो केंद्र सरकार संसदीय सर्वोच्चता और विशेषाधिकारों के खिलाफ काम कर रही है और मीडिया को सूचित कर रही है और संसद को सूचित नहीं कर रही है। मैं कह सकता हूं कि इस प्रस्तावित संशोधन के बारे में मीडिया में जो कुछ भी लिखा गया है उससे पता चलता है कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसमें दखल देना चाहती है।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ परिवार का हिंदुत्व एजेंडा वक्फ बोर्डों और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ है। उनके अनुसार, अगर वक्फ बोर्ड की स्थापना और संरचना में संशोधन किया गया तो इससे प्रशासनिक अराजकता पैदा होगी और बोर्ड की स्वायत्तता समाप्त हो जाएगी। ओवैसी ने चेतावनी दी कि इससे वक्फ की स्वतंत्रता प्रभावित होगी और अराजकता का माहौल पैदा होगा।
5 अगस्त का दिन मोदी सरकार में रहा है खास
मीडिया न्यूज़ के अनुसार, सरकार वक्फ एक्ट (Wakf Board New) में संशोधन बिल 5 अगस्त को संसद में पेश कर सकती है। मोदी सरकार में 5 अगस्त की तारीख विशेष महत्व रखती है। क्योंकि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का बिल संसद पेश किया गया था। इसके बाद 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन PM मोदी द्वारा किया गया था। सूत्रों के अनुसार वक्फ बोर्डों के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं। 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने बेसिक वक्फ एक्ट में संशोधन लाकर वक्फ बोर्डों को और अधिकार दिए थे। वक्फ बोर्ड जिस संपत्ति को अपना घोषित करते हैं, उसे वापस लेने के लिए जमीन के मालिक को कोर्ट में एड़ियां घिसनी होती हैं। वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को अपना बताने का अधिकारी 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार के दौर में मिला था।
वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर लग सकता है लगाम
बता दें, इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्य में वक्फ बोर्डों (Wakf Board New) को किसी भी संपत्ति पर दावा करने के व्यापक अधिकारों और अधिकांश राज्यों में ऐसी संपत्ति के सर्वे में देरी पर संज्ञान लिया था। सरकार ने संपत्ति के दुरुपयोग को रोकने के लिए वक्फ संपत्तियों की निगरानी में जिला मजिस्ट्रेटों को शामिल करने की संभावना पर भी विचार किया था। वक्फ बोर्ड के किसी भी फैसले के खिलाफ अपील सिर्फ कोर्ट के पास हो सकती है, लेकिन ऐसी अपीलों पर फैसले के लिए कोई समय-सीमा नहीं होती है। कोर्ट का निर्णय अंतिम होता है। वहीं हाईकोर्ट में PIL के अलावा अपील का कोई प्रावधान नहीं है।