दिवाली पर पटाखे जलाते समय आंखों का रखें खास ख्याल, थोड़ी से लापरवाही पड़ सकती है भारी

Eye Care on Diwali: रोशनी के त्योहार दिवाली पर पटाखों की रौनक न दिखे तो त्योहार अधूरा सा लगता है। बच्चों के साथ बड़ों को भी दीपावली में फूलझड़ी और पटाखें जलाने में बेहद आनंद आता है। पटाखें जलाते समय बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी है। असावधानीवश कई बार पटाखों और फूलझड़ी से बच्चों के हाथ जल जाते हैं। अगर जली हुई जगह का तुंरत उपचार नहीं किया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है। दिवाली के दिन अगर आप भी पटाखें और फुलझड़ी जला रहे हैं तो सावधानी के साथ जलाएं। लापरवाही या दुर्घटनावश अगर किसी का हाथ जल जाए तो तुरंत घर में ही प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर के पास जाएं।

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शरीर के किसी अंग के जलने पर इसका दो तरह का प्रभाव होता है। सुपरफिशल बर्न में जलने के बाद छाला हो जाता है, जबकि डीप बर्न में शरीर का जला हिस्सा सुन्न हो जाता है। अगर जले हुए हिस्से पर दर्द या जलन हो रही है तो इसका मतलब हालत गंभीर नहीं है। ऐसे में जले हुए हिस्से को पानी की धार के नीचे तब तक रखें जब तक जलन कम न हो जाए। इससे न सिर्फ दर्द कम होगा, बल्कि छाले भी नहीं होंगे। अगर लगातार जलन या दर्द हो रहा हो तो तुरंत बिना देरी के डॉक्टर के पास जाएं। अक्सर देखा जाता है कि लोग जल जाने के बाद बरनॉल, टूथपेस्ट, नीली दवा लगा लेते हैं। इससे उस वक्त तो जलन खत्म हो जाती है, लेकिन ये सब लगाने से जला हुआ हिस्सा रंगीन हो जाता है, जिससे डॉक्टर को पता नहीं चल पाता कि जला हुआ हिस्सा कैसा है? (Eye Care on Diwali)

थोड़ी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी

जले हुए हिस्से को कम से कम 15 मिनट तक या जब तक कि जलन बंद न हो जाए, ठंडे पानी में रखना चाहिए। यदि घायल हिस्से को पानी के नीचे लाना कठिन हो, तो साफ, मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिगोएं और जले हिस्से पर इसे रखें, लेकिन रगड़ें नहीं। इससे शरीर के ऊतकों की गर्मी को बाहर करने में मदद मिलेगी। ऐसा करने से आगे और नुकसान नहीं होगा और यह दर्द को भी कम करेगा। दिवाली हर्षाेल्लास का त्योहार है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही से आपकी खुशियों पर ग्रहण लग सकता है। इसलिए सुरक्षित ढंग से यह त्योहार मनाएं। (Eye Care on Diwali)

दिवाली पर पटाखे जलाते समय नेत्र सुरक्षा भी है जरूरी

उमंग, उल्लास और खुशी के साथ हमें अपने स्वास्थ्य का और विशेष रूप से आंखों ध्यान रखना भी आवश्यक है। दिवाली के हर्षोल्लास में ज़रा सी लापरवाही से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इसलिए आंखों की सुरक्षा के लिए पूरी सावधानी बरतें।हमेशा खुले मैदान या खुले स्थान पर ही पटाखे जलाएं। पटाखे जलाने वाले स्थान में साफ पानी उपलब्ध रखें और इसे ढंककर रखें। लोगों के आते-जाते समय सड़क पर पटाखे न फोडे़। आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आतिशबाजी करते समय सादा चश्मा पहनें। पटाखे जलाने के लिए लंबी डंडी का उपयोग करें जिससे होने वाले धमाके से हाथों या आंखों पर कोई असर न हो। (Eye Care on Diwali)

इन अस्पतालों में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध

अनार जैसे पटाखों से आंखों और चेहरे पर चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं, इसे हमेशा दूर से ही जलाएं। पटाखों को छूने के बाद उसी हाथ से आंखों को न छुएं, इससे रसायनों के आंखें में जाने का खतरा रहता है। आंखों में जलन या खुजली हो रही हो तो रगड़े नहीं, तुरंत हाथों को साफ करके साफ पानी से आंखों को धोएं। रॉकेट जैसे पटाखे जलाते वक्त यह देख लें कि उसकी नोक खिड़की, दरवाजे या किसी खुली बिल्डिंग की तरफ न हो। यह दुर्घटना का कारण बन सकता है। पटाखे जलाते वक्त पैरों में जूते-चप्पल जरूर पहनें। अकेले पटाखे जलाने के बजाय सबके साथ मिलकर पटाखे जलाएं जिससे आपात स्थिति में लोग आपकी मदद कर सकें। आंखों में किसी भी प्रकार की आपात चिकित्सा के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर चिकित्सालय और एम्स रायपुर में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध रहेगी। (Eye Care on Diwali)

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