नए भारत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें छात्र: राज्यपाल हरिचंदन

Governor Harichandan Jindal University: राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ओपी जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ के तृतीय दीक्षांत समारोह में वर्चुअली शामिल हुए। इस दौरान  उन्होंने कहा कि डिग्री के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण की दीक्षा लेकर नए भारत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में विद्यार्थी अपना योगदान दें। दीक्षांत समारोह में 22 स्वर्ण, 24 रजत और 22 कास्य पदक समेत 522  विद्याथियों को पीएचडी, स्नाकोत्तर, स्नातक और डिप्लोमा की उपाधियां प्रदान कि गई। राज्यपाल हरिचंदन ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि आज भारत को युवाओं का देश कहा जाता है और अनुमान है कि साल 2030 तक दुनिया के सबसे ज्यादा युवा हमारे देश में होंगे।

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राज्यपाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत है और निकट भविष्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव की जरूरत है। हमें एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है, जो शिक्षण और सीखने के सकारात्मक तरीकों पर आधारित हो जो आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित कर सके। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक ऐसा इको-सिस्टम विकसित करने का सुनियोजित रोडमैप है, जो हमारी युवा पीढ़ी की प्रतिभा को निखारेगा। NEP का उद्देश्य छात्रों को भविष्य की दुनिया के लिए तैयार करना है, साथ ही उन्हें हमारी सर्वाेत्तम परंपराओं से लैस करना है। इसमें शिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका है। (Governor Harichandan Jindal University)

विद्याथियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि शिक्षा पूरी करने के बाद अब आप वास्तविक दुनिया का सामना करेंगे। तेजी से बदलती दुनिया में गंभीर रूप से सोचने और नई परिस्थितियों के प्रति शीघ्रता से अनुकूलन करने की आवश्यकता होती है। अब आपका अपने परिवार, समाज और देश के प्रति कर्तव्य को निभाने की जिम्मेदारी है। अपनी शिक्षा का उपयोग समाज के शोषित, वंचित और पिछड़े लोगों की बेहतरी के लिए करना है। शासन की योजनाओं का लाभ सभी जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए उन्हें मदद करे। हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। (Governor Harichandan Jindal University)

उन्होंने कहा कि देश और देश की जनता पर गर्व की भावना रखते हुए देशहित को सदैव सर्वाेपरि रखें। विद्याथियों को उन सामाजिक और अन्य बुराइयों को दूर करने में सबसे आगे रहने की आवश्यकता है जो विभिन्न मोर्चों पर राष्ट्र की समृद्धि और विकास में बाधा बन रही हैं। दीक्षांत समारोह में छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अघ्यक्ष डॉ. उमेश कुमार मिश्र, विश्वविद्यालय की कुलाधिपति शालू जिंदल, कुलपति डॉ. आर.डी.पाटीदार, जिंदल स्टील के प्रबंध निदेशक बिमलेन्द्र झा समेत विश्वविद्यालय के अधिकारी, एच.ओ.डी., प्राध्यापक, फैकल्टी मेम्बर, अभिभावक, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। (Governor Harichandan Jindal University)

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