Chhattisgarh : बिलासपुर हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षकों के पक्ष में सुनाया ये बड़ा फैसला, पढ़ें पूरी खबर

रमेश शर्मा संवाददाता अनमोल न्यूज24 । बिलासपुर हाईकोर्ट से पोस्टिंग प्रभावित शिक्षकों के लिए राहत की खबर आई है। हाईकोर्ट (HC on Assistant Teacher) ने 10 दिन के भीतर याचिकाकर्ताओं को संशोधित शाला में ज्वाइनिंग देने का निर्देश दिया है। साथ ही राज्य सरकार की तरफ से जारी किए गए गलत व्याख्या वाले आदेश को निरस्त कर दिया है। दरअसल, राज्य सरकार ने सहायक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया अप्रैल में शुरू की थी। काउंसलिंग के बाद प्रमोशन की प्रक्रिया हुई थी। इस दौरान पोस्टिंग में कई शिक्षकों को दूर दराज के क्षेत्र दूसरे जिलों में पोस्टिंग मिल गई। पोस्टिंग से असंतुष्ट हजारों शिक्षकों ने पोस्टिंग स्थल में संशोधन के लिए आवेदन किया। 

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संयुक्त संचालकों को किए अभ्यावेदन को स्वीकार करते हुए कई शिक्षकों को निकट के स्कूलों में पोस्टिंग मिली। इसी बीच 4 सितंबर को सचिव स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से ‌ शिक्षकों की नई पोस्टिंग को निरस्त करते हुए एक तरफा शिक्षकों को संशोधित स्कूलों से मुक्त कर दिया गया। इस फैसले के खिलाफ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। 11 सितंबर को हुई सुनवाई में जस्टिस अरविंद चंदेल ने यथा स्थिति का आदेश दिया। लिहाजा शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ गई वह ना तो स्कूलों में ज्वाइन कर पाए और ना ही संशोधित शाला में लौट पाए।  3 नवंबर को हाईकोर्ट ने अंतिम निर्णय पारित किया, जिसमें याचिकाकर्ता सहायक शिक्षक के अभ्यावेदन पर 45 दिनों की भीतर नए से निर्णय लेने के लिए सचिन स्कूल शिक्षा विभाग के नेतृत्व में कमेटी बनाने को कहा गया। (HC on Assistant Teacher)

गलत व्याख्या वाले आदेश को किया निरस्त

हाईकोर्ट के फैसले में पिछली पोस्टिंग शाला में जॉइनिंग का निर्देश था, लेकिन इस शब्द को लेकर विभाग की तरफ से ऐसी व्याख्या की गई, जिसमें यह कहा गया की पिछली पोस्टिंग का मतलब संशोधित शाला नहीं बल्कि पदोन्नति के बाद हुई पहली पोस्टिंग है। मूल शाला में जॉइनिंग के लिए वाद्य किए जाने के विरुद्ध में शिक्षकों ने हाई कोर्ट में रेट याचिका दायर की। अधिवक्ता मनोज परांजपे वह देवाशीष तिवारी के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 10 दिनों के भीतर याचिका कर्ताओं को संशोधित शाला में ज्वाइनिंग देने का निर्देश दिया है साथ ही राज्य सरकार की तरफ से गलत व्याख्या वाले आदेश को निरस्त कर दिया है। (HC on Assistant Teacher)

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