माघ के महीने की इन 4 तिथियों पर करें नदी स्नान, जन्म-मृत्यु चक्र से मिलेगी मुक्ति, कट जाएंगे सारे पाप!

नई दिल्ली : 18 जनवरी से माघ का महीना शुरू हो चुका है, जो कि 16 फरवरी 2022 तक चलेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार ये साल का 11वां महीना है. धार्मिक रूप से इस माह का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि माघ मास में ही युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए अपने सगे संबंधियों को सद्गति दिलाने के लिए कल्पवास (kalpwas) किया था.

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 कहा जाता है कि इस महीने में संगम पर कल्पवास करने से व्यक्ति शरीर और आत्मा से नवीन हो जाता है. इस माह में दान पुण्य और गंगा स्नान (Ganga Snan) का भी विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि प्रात: काल के समय गंगा स्नान करके पूजा पाठ करने से व्यक्ति के समस्त पाप कट जाते हैं और उसे जीवन के सभी सुख प्राप्त होते हैं और अंत में व्यक्ति को जन्म-मृत्यु चक्र से मुक्ति मिल जाती है. अगर आप हर रोज पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान नहीं कर सकते तो इस महीने की प्रमुख चार तिथियों पर स्नान करके भी पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. यहां जानिए उन प्रमुख तिथियों के बारे में.

माघ मास में स्नान की प्रमुख 4 तिथियां :

मौनी अमावस्या :

माघ मास की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों में देवताओं का वास होता है. इसलिए इस दिन नदी स्नान का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने के बाद दान जरूर करना चाहिए. माना जाता है कि इससे दान का सौ गुना ज्यादा पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन सामर्थ्य के अनुसार तिल के लड्डू, तिल का तेल, अन्न, आंवला, गर्म कपड़े आ​दि का दान करें. इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी को है.

बसंत पंचमी :

बसंत पंचमी के दिन को भी पवित्र नदियों में स्नान के लिए बेहद खास माना गया है. ये दिन मां सरस्वती की आराधना का दिन होता है. इस दिन नदी स्नान के बाद मां शारदे की पूजा करनी चाहिए. बसंत पंचमी के दिन संगम में स्नान करना और भी अच्छा माना गया है क्योंकि यहां गंगा और यमुना के साथ ही अदृश्य रूप से सलिला सरस्वती भी मौजूद हैं. इस बार बसंत पंचमी 5 फरवरी को है.

अचला सप्तमी :

माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन नदियों में स्नान और सूर्य को अर्घ्य देने और दान पुण्य करने से व्यक्ति को आयु, आरोग्य और सुख समृद्धि प्राप्त होती है. इसे सूर्यरथ सप्तमी, पुत्र सप्तमी, रथ आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. इस बार अचला सप्तमी 8 फरवरी को है.

माघी पूर्णिमा :

माघी पूर्णिमा को लेकर शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन स्वयं भगवान विष्णु गंगा नदी में निवास करते हैं. इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा घाट पर उत्सव जैसा माहौल होता है. कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद दान करने से 32 गुना फल प्राप्त होता है. इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस बार माघी पूर्णिमा 16 फरवरी को मनाई जाएगी.

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