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राशिफल शनिवार 23 अक्टूबर 2021 : सुखी जीवन के लिए करें यह उपाय, क्या कहती हैं आपकी राशि, जानें अपना राशिफल

राशिफल शनिवार 23 अक्टूबर 2021 एवं सुखी जीवन के उपाय : दान, भोजन (मन्त्र हिन्दू एवं जैन धर्म) रराशिफल 23 अक्टूबर 2021, कार्तिक कृष्ण पक्ष, वैदिक मास-उर्जा, शरद ऋतु, दक्षिणायन सूर्य, दिन- शुक्रवार। तिथि- तृतीया। चन्द्र राशी –वृष। व्रत- कार्तिक स्नान। कार्य सिद्ध सफल योग -21:52 तक। पंचक-नहीं, भद्रा –13:45 से 03:03 रात्रि तक। स्वर्ग- शुभ फल दायिनी – स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:। मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

वर्षा योग प्रबल – कही आंशिक एवं कही प्रबल वर्षा योग (17-27अक्टूबर) : भारत के मध्य एवं दक्षिण में एवं मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र, पश्चमी  भाग में एवं अन्य प्रदेशों के दक्षिणी, पर्वतीय एवं केरल बंगलौर में वर्षा योग 20 तक प्रबल इसके बाद भी वर्षा योग मंगल ग्रह के कारण 27अक्टूबर तक बने रहेंगे। तापमान में विगत 03 वर्षों की तुलना में अक्टूबर माह में न्यूनता या गिरावट रहेगी।

भविष्यफल – 11 सितम्बर से मध्य नवम्बर तक  –“क’ “अ” “ग” “स” “र” “ल” अक्षर से प्रारंभ व्यक्ति, वस्तु, स्थान, संस्थान, प्रदेश, देश के लिए उत्तरोत्तर असुविधा, व्यय, कष्ट, आकस्मिक विपदा पूर्ण रहेगा। राशी एवं लग्न कोई हो प्रचलित नाम के प्रभाव होगे, इसलिए सूर्य, चन्द्र की उपासना, दान या सुयोग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर सही दिशा में उपाय आवश्यक एवं उपयोगी सिद्ध होंगे।

मंगल ग्रह प्रभाव -31 को मंगल ग्रह स्वाति  नक्षत्र में प्रवेश करेगा, इसके अनावृष्टि के प्रभाव,तापमान में वृद्धि प्रभाव दृष्टिगोचर होंगे 27-31 अक्टूबर – संगीत, नृत्य, अभिनय, शिल्प, कला, व्यवसाय से जुड़े वर्ग के लिए एवं ब्राह्मण के लिए अशुभ  समय होगा।

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राशिफल शनिवार 23 अक्टूबर 2021

मेष राशि (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.

मान सम्मान एवं स्वास्थ्य उत्तम रहेगा कार्यों की प्रगति से संतुष्ट मिलेगा। परिवार एवं परिचितों से सहयोग प्राप्त होगा। आर्थिक स्थिति उत्तम रहेगी। व्यापारिक लाभ होगा। यश प्रताप बढ़ेंगे। कार्यों में सफलता सरलता से मिलेगी। गृह सुख उत्तम भोजन एवं दांपत्य साथी कापूर्ण सहयोग मिलेगा। स्त्रियों से मित्रता बढ़ेगी। मित्रों से मिलना एवं उनके द्वारा आप को सहयोग प्रदान किया जाएगा। अधिकारी वर्ग सफल होगा। राजनीतिक दृष्टि से यह समय अति उत्तम सिद्ध हो सकता है।

वृष राशि (Taurus) – , , , , वा, वी, वू, वे, वो.

योजनाओं को क्रियान्वित करने से पूर्व सोच लें। घर पर भी सावधान रहें, सगे-सम्बन्धियों से व्यर्थ की शत्रुता संभव है। यात्रा एवं खर्च के अनायास योग बनेंगे। कार्य परिश्रम से ही पूर्ण होंगे। कार्यालय में कार्य की अधिकता रहेगी। कठिनाइयां बढ़ सकती हैं। स्वास्थ्य बाधा संभव है। राजनीति के क्षेत्र में कष्ट होगा। सामान्य तौर पर लोगों का व्यवहार सहयोगी या मित्रता पूर्ण नहीं रहेगा।*मनोबल बढ़ेगा। विशेष-यात्रा एवं नए कार्य हाथ मे नहीं ले।

मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को, ह.

भाग्य की समस्या रहेगी। शरीर स्वस्थ रहेगा। लाभ की स्थिति उत्तम है। स्थाई लाभ की योजना बनेगी। आर्थिक खर्च बढ़ेगा। मंगल कार्य में धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। स्त्री वर्ग द्वारा भाग्य की वृद्धि होगी। भाइयों या प्रिय वर्ग पर व्यय अथवा उनसे सहयोग मिलेगा। यात्रा के योग भी प्रबल है।

कर्क राशि (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो.

प्रेम के क्षेत्र में अपमान अपयश कलश मिलेगा। कार्यालय में सुविधाएं प्राप्त होंगी। यात्रा योग प्रबल हैं। ज्योतिष की दृष्टि से यात्रास्थगित रखना उचित होगा। यात्रा, नए कार्य का शुभारंभ, बैठक, जन संपर्क आदि स्थगित रखना परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे। यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है। आप सम्मान, यशएवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं।

सिंह राशि (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे.

परिवार के बड़ों से मित्रों से तथा कार्यालय में अधिकारियों से मतभेद या विरोध की स्थिति बन सकती है। अनपेक्षित अपमान की स्थिति से बचना उचित होगा। प्रत्येक क्षेत्र अतिरिक्त प्रयास के उपरांत ही सफल हो सकता है। समय को देखते हुए किसी भी प्रकार अतिउत्साह से दूर रहना उचित होगा।आपको अपने व्यापार अथवा कार्यालय में साधारण दिनों से अधिकपरिश्रम करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। अनिद्रा की स्थिति एवं कार्य की चिंता भी हो सकती है। मानसिक रुप से आप थकान महसूस कर सकते हैं।

कन्या राशि (Virgo) – टो, , पी, पू, , , , पे, पो.

आपके कार्यों की सफलता संदिग्ध है। विरोध, मतभेद, विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है। राजनीति में छल की संभावना है। विश्वास के परिणाम प्रतिकूल होंगे। दांपत्य साथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आवश्यक खर्चों में वृद्धि होगी। शारीरिक एवं मानसिक कष्ट की स्थिति से बचने के लिए, अल्प भाषी रहे। विशेष-यात्रा एवं नए कार्य हाथ मे नहीं ले। 1. प्रशासकीय,योजना संबन्धित वर्ग – महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विवादास्पद मामलों मे निर्णय, Presentation। अधिकारी से विचार-विमर्श के परिणाम अपेक्षानुकूल होगे यह कहना कठिन है। 2. व्यापारी वर्ग – नए सौदे, के परिणाम अपेक्षाअनुसार होना संदिग्ध है।

तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते.

दांपत्य जीवन के सुख में वृद्धि होगी। पुत्र एवं पुत्री के द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। कार्यालय में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगे। व्यापार में लाभ की स्थिति रहेगी। नए कार्य या उत्तरदायित्व मिल सकते हैं। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। नए कार्य के श्री गणेश के लिए उत्तम अवसर है।

वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.

प्राथमिकता के आधार पर कार्य करिए। सफलता की संभावना प्रबल हैं। यह समय आपके लिए आपके प्रयासों एवं उपकार की प्रतिष्ठा व पहचान पाने का हो सकता है। आप शत्रुओं पर विजय पाएँगे। नए मित्र भी बनाएँगे। मित्रों से सहयोग मिलेगा। प्रेम संबंध सुख पूर्ण रहेंगे। कुल मिलाकर इस अवधि में आप सफल एवं प्रसन्न रहेंगे। विजयश्री आपके साथ होगी। मनोबल उत्तम रहेगा। राजनीति एवं जनसम्पर्क से लाभ सफलता मिलेगी। विशेष-यात्रा एवं नए कार्य हाथ मे नहीं ले।

  1. प्रशासकीय,योजना संबन्धित वर्ग – महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विवादास्पद मामलों मे निर्णय, Presentation।
  2. व्यापारी वर्ग- नए सौदे, के परिणाम अपेक्षा केअनुसार होना संदिग्ध है।
  3. राजनेता, जन संपर्क, अभिकर्ता (Politician, Agent, Public relation) वर्ग –विवादास्पद निर्णय, मंत्रणा आदि स्थगित रखना उचित होगा।

धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे.

आज के दिन अप्रिय स्थितियों की स्थिति रहेगी। प्रत्येक कार्य को सूझबूझ के बाद अथवा सोचने विचारने के उपरांत ही करना उचित होगा। आर्थिक सामाजिक एवं राजनीतिक तीनों स्तर पर मन के अनुकूल कार्य नहीं हो सकेंगे। धार्मिक आध्यात्मिक एवं दान आदि के कार्य में रुचि बढ़ सकती है। कार्य परिश्रम से ही पूर्ण होंगे। कार्यालय में कार्य की अधिकता रहेगी ।कठिनाइयां बढ़ सकती है|स्वास्थ्य बाधा संभव है। राजनीति के क्षेत्र में कष्ट होगा। बाधाएं कम हो सकती हैं।

मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी.

दांपत्य साथी से सहयोग की अपेक्षा ना रखें। विवाद एवं मतभेद की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं। दांपत्य साथी से सहयोग की अपेक्षा ना रखें। रोजगार में किसी भी प्रकार की जोखिम भविष्य में समस्या उत्पन्न कर सकती है। स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखें। आर्थिक पक्ष कमजोर रहेगा।

कुंभ राशि (Aquarius)– गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द.

आपकी  ख्याति एवं यश, प्रतिष्ठा वृद्धि का समय हैं। यह दिन धन की दृष्टि से भी सौभाग्यपूर्ण है। बकाया राशि की प्राप्ति या व्यवसाय मे धन की प्राप्ति होने के योग हैं। प्रयास के परिणाम आशा के अनुकूल ही रहेंगे आर्थिक लाभ की आप आशा कर सकते हैं। घर के लिए भी यह समय सुख से परिपूर्ण है। आपको रुचि पूर्ण  उत्तम भोजन, वस्त्र सुख योग है।

मीन राशि (Pisces) – दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची.

विशेष रुप से धन की हानि, व्यय या विनियोजन के योग है। अपने व्यय पर विशेष ध्यान देने रखें। आप लोगों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें। आप कोई परामर्श,बीच वचाव या विवाद में भी न पड़ें। व्यर्थ में झगड़े की संभावना है। असावधानी अहम को ठेस पहुँचा सकती है। कार्यालय में बाधाएं आ सकती हैं।

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अरिष्ट नाशक नक्षत्र उपाय मंत्र कृतिका

ॐ अयमग्नि सहत्रिणो वाजस्य शांति गवं वनस्पति: मूर्द्धा कबोरीणाम । ॐ अग्नये नम:।
पौराणिक मंत्र :-
कृतिका देवतामाग्निं मेशवाहनं संस्थितम् l
स्त्रुक् स्तुवाभीतिवरधृक्सप्तहस्तं नमाम्यहम् ll
नक्षत्र मंत्र : ॐ आग्नेय नमः lनक्षत्र मंत्र :- ॐ कृतिकाभ्यो नमःl

तिथि दोष शमन : Barly\जो. आवला व्यंजन उत्पाद का प्रयोग नहीं करे |परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है। भात भोजन में शामिल करे। 

कार्य के पूर्व : कुबेर का पूजन करने से मनुष्य निश्चित ही विपुल धनवान बन जाता है तथा क्रय-विक्रयादि व्यापारिक व्यवहार में उसे अत्यधिक लाभ होता है।

मंत्र – ॐ वैश्रवणाय स्वाहा: 

मंत्र – ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:।

सिंह, धनु, कुम्भ राशी वाले बाधा नाश के लिए उपाय अवश्य करे। तुला एवं मकर राशी वाले बाधा नाश के लिए उपाय उपयोगी होगा। 

नक्षत्र-दोष शमन : ॐ यमायत्वा मखायत्वा सूर्य्यस्यत्वा तपसे देवस्यत्वा सवितामध्वानक्तु पृथ्विया स गवं स्पृशस्पाहिअर्चिरसि शोचिरसि तपोसी।
पौराणिक मंत्र :
पाशदण्डं भुजव्दयं यमं महिष वाहनमl
यमं नीलं भजे भीमं सुवर्ण प्रतीमागतम्ll
नक्षत्र देवता मंत्र : ॐ यमाय् नमःl
नक्षत्र मंत्र : ॐ अपभरणीभ्यो नमःl

सुख, सौभाग्य वृद्धिके लिए : स्नान जल मे काले तिलमिला कर स्नान करे। पीपल वृक्ष की जड़ के समीप तिल तैल का दीपक लगाए। दीपक वर्तिका लाल, नारंगी या अनेक रंग की हो (श्वेतनहीं)। दीपक की बत्ती की दिशा उत्तर श्रेष्ठ,पूर्व दिशा उत्तम। शमी वृक्ष पर जल अर्पण करे। पीपल वृक्ष में मिश्री मिश्रित दूध से अर्घ्य देने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। पीपल के नीचे सायंकालीन समय में एक चतुर्मुख दीपक अर्पण।

मन्त्र  ; ॐपिप्पलाद, गाढ़ी, कौशिक ऋषये नमः। विष्णवे नम:,हनुमतेनम: सर्ववांछाम पूरयपूरय च सर्व सिद्धिम देहि में नम:

दान : उड़द, तिल, काला, वस्त्र, नीले पुष्प, लोभान का करे।

दान किसे दे : काली गाय, वृद्ध, सेवक, को दे सकते है

घर से प्रस्थान पूर्व खाएं : तिल, भात, उड़द, अदरक मे से कोई या सभी पदार्थ उपयोग करना चाहिए। जिन का शनि ठीक न हो वे उड़द प्रयोग न करे। 

जैन धर्म मंत्र 

णमो लोए सव्वसाहूणं। ॐ सूर्य पुत्राय विद्महे, मृत्यु रुपाय धीमहि, तन्नो सौरिः प्रचोदयात् ॥
आपो ज्योति रस अमृतम। परो रजसे सावादोंम।
राहु ॐ नाकध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ॥
सूर्यपुत्रो दीर्घदेहा विशालाक्ष:शिवप्रिय:। मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:।।
(हे सूर्य के पुत्रदीर्घ देह विशाल नेत्रोंमंद गति से चलने वाले,भगवान् शिव के प्रिय तथा प्रसन्न आत्मा शनि मेरी पीड़ा को दूर करें।)

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