Maharashtra CM News : पार्टी की अहम बैठक में देवेन्द्र फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता और प्रभावी तौर पर महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री चुना गया है। इस कदम ने फडणवीस को मुख्यमंत्री की कुर्सी के एक कदम और करीब ला दिया है, पिछले महीने के विधानसभा चुनावों में शानदार जनादेश हासिल करने के बाद पार्टी को अपना राज्य प्रमुख मिलने की उम्मीद है। भगवा पार्टी ने पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी को अपने महाराष्ट्र विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।
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जैसे ही भाजपा नेताओं ने सर्वसम्मति से देवेंद्र फडणवीस को अपने विधायक दल का नेता चुना, ‘देवा भाऊ तुम आगे बढ़ो’ के नारे लगाए गए। फडणवीस ने अपने संबोधन में कहा कि मैं विधायक दल के सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं कि आप सभी ने सर्वसम्मति से मुझे चुना। मैं हमारे केंद्रीय पर्यवेक्षकों विजय रूपानी और निर्मला सीतारमण को भी धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ये ऐतिहासिक चुनाव थे और इन चुनावों ने साबित कर दिया है कि ‘एक है तो सेफ है’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’।
भाजपा नेता ने कहा कि हमने हरियाणा के साथ अपनी जीत का सिलसिला फिर से शुरू किया है और अब महाराष्ट्र ने इतना प्रचंड जनादेश दिया है कि मैं पूरी तरह से महाराष्ट्र के मतदाताओं के सामने नतमस्तक हूं। मैं सीएम एकनाथ शिदने और डिप्टी सीएम अजित पवार और हमारे अन्य सहयोगियों को भी धन्यवाद देता हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि अगले दिनों में कुछ चीजें हमारी इच्छा के अनुरूप होंगी और कुछ चीजें हमारी इच्छा के विपरीत होंगी, लेकिन हम सभी को राज्य और देश के व्यापक हित में काम करना है। हम महाराष्ट्र की सभी अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे। अंत में मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं।
फडणवीस ने कैसे तोड़ा चक्रव्यूह
लोकसभा चुनाव के 6 महीने बाद ही देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा की शानदार वापसी कराई है. देवेंद्र फडणवीस ने सिर्फ छह महीने बाद ही 85% की शानदार स्ट्राइक रेट के साथ 132 सीटें जीतकर बीजेपी को महाराष्ट्र में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन कराया है. उन्होंने सीएम की कुर्सी भी दोबारा हासिल कर ली है. चुनाव प्रचार के दौरान फडणवीस का पसंदीदा चुनावी नारा था, ‘मैं मॉडर्न अभिमन्यु हूं, मैं चक्रव्यूह तोड़ना भी जानता हूं, और जीतना भी जानता हूं.’
उद्धव-सुप्रिया की बोलती बंद
बीजेपी में कई लोग महाराष्ट्र में पिछले ढाई सालों में शिवसेना और एनसीपी में हुई टूट को देवेंद्र फडणवीस की रणनीति का नतीजा मानते हैं. हालांकि, फडणवीस हमेशा कहते रहे कि ये पार्टियां अपने नेताओं की वजह से टूटी हैं क्योंकि ये नेता अपने बेटे-बेटियों को ज्यादा तवज्जो देते हैं, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बीजेपी नेता चुपचाप इन कलह को हवा देते रहे. आखिरकार, देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे और सुप्रिया सुले, दोनों को चित कर ही दिया.
मोदी-भागवत से फडणवीस का लगाव
भाजपा में देवेंद्र फडणवीस उन गिने-चुने नेताओं में से हैं, जिनसे पीएम नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत दोनों का लगाव है. फडणवीस की जेब में हमेशा एक ट्रंप कार्ड रहा है- आरएसएस. आरएसएस यानी संघ विचारधारा में गहराई से जुड़े परिवार में जन्मे फडणवीस ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी. उनके पिता का संगठन के साथ मजबूत और अटूट जुड़ाव था, जिसने एक वफादार स्वयंसेवक के रूप में उनकी छवि को और मजबूत किया. महाराष्ट्र के उतार-चढ़ाव भरे राजनीतिक माहौल में इसे काफी अहम कारक माना जाता है.