Jagannath Yatra: भगवान जगन्नाथ की यात्रा आज से शुरू, जानिए क्यों निकाली जाती है रथयात्रा

Jagannath Yatra: ओडिशा के पुरी में आज यानी 1 जुलाई से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत हो गई है। ये यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से शुरू होती है। पुरी मंदिर से शुरू होकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी के रथ गुंडिचा मंदिर पहुंचेगी, जहां भगवान जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी आषाढ़ शुक्ल दशमी तक रुकते हैं। इसके बाद अपने मुख्य मंदिर लौट आते हैं। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के संबंध में कई मान्यताएं प्रचलित हैं। एक सर्वाधिक प्रचलित मान्यता ये है कि द्वापर युग में एक दिन सुभद्रा जी ने अपने भाई श्रीकृष्ण से द्वारिका भ्रमण कराने की बात कही थी।

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कहा जाता है कि एक दिन भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने उनसे द्वारका के दर्शन कराने की प्रार्थना की थी। तब भगवान जगन्नाथ ने अपनी बहन की इच्‍छा पूर्ति के लिए उन्‍हें रथ में बिठाकर पूरे नगर का भ्रमण करवाया था। इसके बाद से इस रथयात्रा की शुरुआत हुई थी। रथयात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम, उसके पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा, सुदर्शन चक्र और अंत में गरुण ध्वज पर श्री जगन्नाथ जी सबसे पीछे चलते हैं। (Jagannath Yatra)

ऐसे निकलती है यात्रा

इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा की प्रतिमाएं रखी जाती हैं। इन सभी प्रतिमाओं को रथ में बिठाकर नगर का भ्रमण करवाया जाता हैं। यात्रा के तीनों रथ लकड़ी के बने होते हैं जिन्हें श्रद्धालु खींचकर चलते हैं। बता दें कि भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिए लगे होते हैं और भाई बलराम के रथ में 14, बहन सुभद्रा के रथ में 12 पहिए लगे होते हैं। रथ यात्रा के बारे में स्‍कंद पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण और ब्रह्म पुराण में भी बताया गया है। इसलिए हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्‍व बताया गया है। हिंदू धर्म की मान्‍यताओं के अनुसार जो भी व्‍यक्ति इस रथयात्रा में शामिल होकर इस रथ को खींचता है उसे सौ यज्ञ करने के बराबर पुण्‍य प्राप्‍त होता है। इसी तरह कई मान्यताएं प्रचलित हैं। (Jagannath Yatra)

ऐसे पहुंच सकते हैं पुरी

सभी मान्यताओं में अलग-अलग तरीके से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी की मूर्तियां बनने की कथाएं बताई गई हैं। ओडिशा में पुरी का सबसे करीबी एयरपोर्ट भुवनेश्वर है। यहां से पुरी शहर करीब 60 किमी दूर है। पुरी पहुंचने के लिए देशभर के अधिकतर बड़े शहरों से कई ट्रेनें आसानी से मिल जाती हैं। ये शहर अन्य राज्यों और बड़े शहरों से सड़क मार्ग से भी जुड़ा हुआ है। से सड़क मार्ग से भी जुड़ा हुआ है। इस तरह आप पुरी पहुंच सकते हैं और भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल हो सकते हैं। (Jagannath Yatra)

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