कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे अशोक गहलोत, जानिए क्या है इसकी वजह

Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे। दरअसल, गहलोत और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात हुई। इसके बाद गहलोत ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर मैंने बात की है। मैंने हमेशा वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक के दिन हुई घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। ऐसा लगा जैसे कि मैं मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं, इसलिए मैंने उनसे माफी मांगी है। गहलोत ने कहा कि हमारे यहां हमेशा से परंपरा रही है कि हम आलाकमान के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पास करते हैं।

यह भी पढ़ें:- 1 से 3 नवंबर तक होगा ​​​​​​​राज्योत्सव, साइंस कॉलेज मैदान में होगा भव्य आयोजन

गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं यह एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इस बात का दुख रहेगा। इस घटना ने देश के अंदर कई तरह के मैसेज दे दिए।’ गहलोत जब सोनिया से मिलने जा रहे थे तो उनके हाथ में कुछ कागज थे। उसमें हाथ से लिखा हुआ माफीनामा था। यह कैमरे में कैद हो गया। इसमें हाथ से कुछ पॉइंट्स लिखे हुए थे। जिसमें सबसे ऊपर था ‘जो कुछ हुआ उसका दुख है, इससे मैं बहुत आहत हूं’। इसके साथ ही तीसरे पॉइंट पर सचिन पायलट, सीपी जोशी समेत चार लोगों के नाम शॉर्ट फॉर्म में भी लिखे हुए थे। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्थान CM विवाद के बीच दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। (Ashok Gehlot)

दिग्विजय दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं यहां नामांकन फॉर्म लेने आया हूं और कल नामांकन करूंगा। इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि 1-2 दिन के अंदर राजस्थान का मामला सुलझ जाएगा। वेणुगोपाल ने सोनिया से मुलाकात के बाद यह बात कही। राजस्थान में अशोक गहलोत समर्थक विधायकों के बागी तेवरों के बाद सोनिया गांधी पूरे घटनाक्रम पर नाराज हैं। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और गहलोत के समर्थक मंत्रियों के बयानों को ऑब्जवर्स की रिपोर्ट में हाईकमान के आदेशों का उल्लंघन और गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस जारी किए थे। नोटिस जारी होने के बाद गहलोत ने भी पूरे मुद्दे पर आज सोनिया गांधी के सामने अपना पक्ष रखा। (Ashok Gehlot)

गहलोत खेमा प्रभारी अजय माकन पर पक्षपात करने और सचिन पायलट को फेवर करने का खुलेआम आरोप लगा चुका है। इसी बीच जयपुर में गहलोत गुट के मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि अगर दूसरे गुट के नेता को CM बनाया जाता है तो सभी विधायक इस्तीफा दे देंगे। मेघवाल के पास आपदा और राहत कार्य विभाग की जिम्मेदारी है। गहलोत के कट्‌टर समर्थकों में से एक मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में हम मध्यावधि चुनाव के लिए भी तैयार हैं। राजस्थान में चार दिन से चल रहे विवाद के बाद अशोक गहलोत को लेकर हाईकमान के नेताओं में बना पर्सेप्शन काफी कुछ बदला है। अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। CM बने रहने का फैसला भी सोनिया गांधी पर छोड़ दिया। (Ashok Gehlot)

बता दें कि अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से पिछली मुलाकात के दौरान अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा हुई थी। उस समय गहलोत ने अध्यक्ष पद के चुनाव पर राहुल गांधी को आखिरी बार मनाने के बाद फिर फैसला करने की बात कही थी। राहुल गांधी ने साफ मना कर दिया कि गैर गांधी ही अध्यक्ष होगा। गहलोत ने ये भी कहा था कि अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री रहना जस्टिफाइड नहीं है। इससे ये तय हो गया था कि गहलोत CM पद छोड़कर अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे, लेकिन रविवार के विवाद ने पूरा सियासी नरेटिव बदल दिया और मुद्दा अध्यक्ष चुनाव से ज्यादा राजस्थान के सियासी संकट को सुलझाने पर आ गया था। फिलहाल देखना होगा कि अब राजस्थान की राजनीति कौन सा मोड लेगी। (Ashok Gehlot)

Related Articles

Back to top button