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Medical Fraud: पथरी के बजाए डॉक्टर ने मरीज की निकाली किडनी, 10 साल बाद केस दर्ज

Medical Fraud: पथरी का इलाज करवाने पहुंचे मरीज की किडनी निकालने के 10 साल पुराने मामले में पुलिस ने कथित डॉक्टर के खिलाफ 420 का केस दर्ज किया है। कथित डॉक्टर फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

बताया जाता है कि कोरबा शहर में रहने वाले संतोष गुप्ता के पेट में पथरी थी। दर्द होने पर संतोष ने वर्ष 2012 में रजगामार रोड पर स्थित सृष्टि मेडिकल कॉलेज ऑफ इंस्टिट्यूट में डॉ. एसएन यादव से इलाज कराया। डॉक्टर ने किडनी में पथरी होने की जानकारी दी। डॉक्टर ने संतोष का ऑपरेशन किया। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर संतोष घर पहुंच गए। सेहत में सुधार नहीं हुआ। संतोष ने सोनोग्राफी कराई। इसमें पता चला कि उसकी एक किडनी निकाल (Medical Fraud) ली गई है। मरीज ने घटना की शिकायत कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर और जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की थी।

इधर, सृष्टि मेडिकल कॉलेज ऑफ इंस्टीट्यूट की ओर से बताया गया कि डॉक्टर यादव की गतिविधियों के बारे में जानकारी होने पर उसे कॉलेज से हटा दिया गया था। फर्जी डॉक्टर कहां है? इसकी जानकारी प्रबंधन को नहीं है। घटना को लेकर पत्रिका ने फर्जी डॉक्टर से सम्पर्क करने की कोशिश की। लेकिन उसका नंबर बंद मिला। पुलिस का कहना है कि फर्जी डॉक्टर के बारे में पतासाजी की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।

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फर्जी डिग्री की जानकारी

मामले की जांच चल रही थी। 10 साल बाद प्रमाणित हुआ कि डॉक्टर एसके यादव की एमबीबीएस और मास्टर ऑफ सर्जन डिग्री फर्जी है। डॉक्टर की डिग्री फर्जी होने की पुष्टि छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल ने की है। यह जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। फर्जी डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखा गया। संतोष की रिपोर्ट पर पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 (जाली डिग्री से छल पूर्वक इलाज) और 420 (मरीज से धोखाधड़ी) का केस दर्ज किया है।

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