सड़क हादसों को लेकर अनावश्यक चक्काजाम जैसे कृत्यों से बचें, कलेक्टर-SP ने की अपील

Motor Vehicle Act News: बलौदाबाजार जिले के विभिन्न स्थलों में अकास्मिक सड़क दुर्घटना होने पर आमजनों और स्थानीय नागरिक, परिजनों के द्वारा चक्काजाम जैसे कृत्य किए जाते हैं, जिससे आमजनों को विभिन्न रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कलेक्टर रजत बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने ऐसे कृत्यों से बचने की अपील की है। साथ ही कहा है कि विधिक प्रक्रिया के माध्यम से यातायात नियमों का पालन करते हुए आवेदक मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (ट्रिब्यूनल) में केस दर्ज कराते हुए मोटर यान अधिनियम 1988 धारा 166 के तहत बीमा कंपनी (अन्य अनावेदकों) से लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें:- प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर तेलासीपुरी धाम का होगा पर्यटन केंद्र के रूप में विकास, कलेक्टर ने किया निरीक्षण

ऐसे ही एक प्रकरण रिसदा निवासी दीपा वर्मा पति स्व. दुर्गेश वर्मा बनाम सुखीराम टंडन निवासी तुरमा और इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के मामले में न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन विजय कुमार एक्का ने फैसला दिया है। उन्होंने आवेदक को 1 करोड़ 68 लाख 20 हजार रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी को देने का आदेश पारित किया गया है, जिसमें कुल प्रति कर राशि 1 करोड़ 13 लाख 97 हजार 30 रूपये दावा प्रस्तुत दिनांक 18 नवम्बर 2021 से 7.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से शामिल है। (Motor Vehicle Act News)

गौरतलब है कि 21 मई 2021 को दुर्गेश कुमार वर्मा लेखापाल के रूप में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा लवन में पदस्थ था। वह अपने गृह ग्राम रिसदा से अपने कार्य स्थल जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा लवन बाइक से जा रहा था। सुबह 10 बजे लाहोद चिरपोटा पुल के पास पहुंचे थे, तभी लवन की तरफ से आ रहे बाइक सवार ने दुर्गेश वर्मा को ठोकर मार दिया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। (Motor Vehicle Act)

6 महीने के अंदर होता है प्रकरणों का निराकरण

अगर कोई व्यक्ति यातायात नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए हादसे का शिकार हो जाते हैं तो वाहित बीमा कंपनियों को क्षतिपूर्ति देनी होती है, लेकिन नियमों के जानकारी के अभाव में आम व्यक्ति इसका लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे प्रकरणों पर आवेदकों को मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में अपना प्रकरण पुलिस का सहयोग लेते हुए दर्ज कराना चाहिए। मामले का निराकरण 6 महीने के अंदर ही कर दिया जाता है। (Motor Vehicle Act News)

Related Articles

Back to top button