नवरात्रि का तीसरा दिन आज, इस तरह करें मां चंद्रघंटा की पूजा

Navratri Ka Tishra Din: नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है। नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा  को समर्पित है। देवी पुराण के मुताबिक देवी दुर्गा के तृतीय स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र सुशोभित है। इसलिए उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। माता का तीसरा रूप मां चंद्रघंटा शेर पर सवार हैं। दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं। माथे पर बना आधा चांद इनकी पहचान है। इस अर्ध चांद की वजह के इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।

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मां चंद्रघंटा की पूजा में उपासक को सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। मां को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पण करें। मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए।  पंचामृत, चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करनी चाहिए।नवरात्रि में नौ दिनों तक लगातार पान के पत्ते पर केसर रखकर दुर्गा स्त्रोत और दुर्गा नामावली का पाठ करें। घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा। नवरात्रि के शुरुआत 5 दिनों में 1 पान के पत्ते पर ह्रीं लिखकर मां दुर्गा को अर्पित करें। इसके बाद महानवमी के बाद उन पत्तों को अपने तिजोरी में रख दें। इस उपाय से दरिद्रता और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर साफ कपड़े पहनकर पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें। मां चंद्रघंटा का ध्यान करें। उनके सामने दीपक प्रज्वलित करें। अब देवी को चावल, सिंदूर, फूल आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद मां चंद्रघंटा को फल और केसर-दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाएं। फिर आरती करें और माता से किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें। (Navratri Ka Tishra Din)

नारंगी रंग के वस्त्र करें धारण

मां दुर्गा का यह रुप बेहद ही सुंदर, मोहक और अलौकिक होता है। चंद्र के समान मां के इस रुप से दिव्य सुगंधियों और दिव्य ध्वनियों का आभास होता है। मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह है। मां चंद्रघंटा का यह रूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। मां चंद्रघंटा की कृपा से  ऐश्वर्य और समृद्धि के साथ सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति होती है. विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। बता दें कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना में नारंगी रंग के वस्त्र धारण कर पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। (Navratri Ka Tishra Din)

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा

नवरात्रि का चौथा दिन गुरुवार को मां कूष्मांडा की पूजा होती है। इस दिन पीला रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए, पीला रंग उमंग का प्रतीक है। शारदीय नवरात्रि मे पांचवा दिन शुक्रवार को मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है। इस दिन हरे रंग का प्रयोग करने से ऊर्जावान रहने में मदद मिलेता है। हरा रंग कुछ नया करने के लिए हमेशा प्रेरित करता है। नवरात्रि के छठे दिन यानी शनिवार को मां कात्यानी की पूजा की जाएगी। नवरात्रि में ग्रे यानी स्लेटी रंग के बुराईयों को नष्ट करने वाला माना गया है। (Navratri Ka Tishra Din)

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा

नवरात्रि के सातवें दिन यानी रविवार को मां कालरात्रि को समर्पित किया गया है। मां काली की पूजा में नीलें रंग का उपयोग शुभ माना गया है, नीला रंग निडरता का प्रतिक है। नवरात्रि के आठवें दिन यानी सोमवार को महाअष्टमी पर मां महागौरी की पूजा की जाती है। माता महागौरी को जामुनी रंग अतिप्रिय है। इस दिन कन्या पूजन का भी विधान है। नवरात्रि का आखिरी दिन मंगलवार को मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाएगी। सिद्धिदात्री देवी को ज्ञान प्रदान करने वाली देवी माना गया है। इस दिन गुलाबी रंग का इस्तेमाल करें। गुलाबी रंग प्रेम और नारीत्व का सूचक है।  (Navratri Ka Tishra Din)

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