छत्तीसगढ़ शासन के उद्यानिकी विभाग के सहयोग एवं सलाह से किसान सब्जी की फसलों से अब अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे है। धान की खेती छोड़ सब्जी की खेती से कोरबा जिले के चौनपुर गांव के किसान भुनेश्वर सिंह ने दोगुना से ज्यादा लाभ कमाया है। खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने और बारह महीने रोजगार के साधन के रूप में विकसित करने का यह सबसे अच्छा उदाहरण बन गया है।
कोरबा जिले के करतला विकासखण्ड के चौनपुर गांव के किसान भुनेश्वर सिंह ने अब अपनी सब्जी की खेती का रकबा दो एकड़ से बढ़ाकर 10 एकड़ कर लिया है और पिछले आठ-नौ महीने में ही उन्होंने पांच लाख रूपए से अधिक कमा लिये हैं। खुद भुनेश्वर बताते हैं कि अभी भी खेत में सब्जी लगी है और रबी का मौसम खत्म होते तक चार से पांच लाख रूपए की और आय होने की संभावना है। आमदनी बढ़ने से भुनेश्वर सिंह और उनके परिवार का जीवन स्तर भी सुधर गया है।
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शासकीय योजनाओं:
भुनेश्वर सिंह के पास कुल 10 एकड़ खेत है। माली हालत ठीक नहीं होने के कारण वे पहले परंपरागत रूप से ही इस भूमि के कुछ हिस्से में धान की खेती करते थे। धान का उत्पादन कम होने के कारण उन्हें इससे कुछ खास फायदा नहीं हो पा रहा था। भुनेश्वर सिंह बताते हैं कि उद्यान विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन, तकनीकी सलाह और प्रोत्साहन से उन्होंने शुरू में दो एकड़ रकबे में सब्जी की खेती की।
शासकीय योजनाओं के तहत उन्हें बरबट्टी, फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, करेला, भिण्डी जैसी सब्जियों के बीज मिनी किट मिले। डीएमएफ और अन्य शासकीय योजनाओं के समन्वय से खेत पर फेंसिंग, मल्चिंग और पॉवर स्प्रेयर भी उन्हें दिलाया गया। दो एकड़ में सब्जी की खेती से भुनेश्वर को धान की खेती से ज्यादा फायदा हुआ।
इसने भुनेश्वर को सब्जी की खेती की तरफ मोड़ दिया। भुनेश्वर ने धान की खेती छोड़कर 10 एकड़ खेत में सब्जी लगाना शुरू किया। फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, करेला, लौकी, बरबट्टी, भिण्डी, खीरा की खेती समयानुसार करके भुनेश्वर ने इसे स्थानीय बाजार में बेचा। थोक व्यापारी खेत से ही भुनेश्वर के द्वारा उगाई सब्जियों को अच्छे दामों पर उठा रहे हैं। पिछले साल भुनेश्वर ने सब्जी की खेती से दो लाख रूपए कमाए थे।
इस साल 10 एकड़ में सब्जी की खेती की है समयानुसार एक सब्जी की फसल खत्म होने पर दूसरी फसल लगा देते हैं। अभी तक भुनेश्वर ने आठ-नौ महीने में ही सब्जी बेचकर पांच लाख रूपए से अधिक कमा लिए हैं। भुनेश्वर बताते हैं कि खेतों में लगी रबी मौसम की सब्जी से भी लगभग चार से पांच लाख रूपए की आय हो जाएगी।