Rajyapal Uikey: राज्यपाल उइके ने की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Rajyapal Uikey: देश की नव निर्वाचित 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल अनुसुईया उइके ने उनसे राष्ट्रपति भवन में मुलाकात कर शुभकामनाएं दी। राज्यपाल उइके ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू से देश और प्रदेश के विभिन्न विषयों को लेकर विस्तृत चर्चा की। राज्यपाल ने प्रदेश से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों और समस्याओं से राष्ट्रपति को अवगत कराया। राज्यपाल ने पेसा कानून के महत्व को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति को बताया कि कई राज्यों में पेसा कानून के नियम लागू नहीं है। उन्होंने पेसा कानून से जुड़े नियमों के क्रियान्वयन के लिए निर्देशित करने के लिए राष्ट्रपति से आग्रह किया। साथ ही नगरीय क्षेत्रों के लिए मेसा कानून से संबंधित विधेयक जो संसद में लंबित है, उसे शीघ्र पारित कराने का आग्रह किया। (Rajyapal Uikey)

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मेसा कानून के बनने से नगरीय क्षेत्रों में आरक्षण संबंधी नियम विधिवत् लागू हो पाएंगे, जिससे जनजातीय समुदाय को आरक्षण का वास्तविक लाभ मिल पाएगा।  राज्यपाल उइके ने पूर्वांचल के कई जिलों को जनजातीय जिला घोषित किये जाने की जानकारी राष्ट्रपति को देते हुए कहा कि केन्द्र स्तर पर विशेष सहयोग इस आशय से मिला था, जिससे इन जिलों में निवारसत् जनजातीय समुदाय के लोग सीधे लाभान्वित हुए। राज्यपाल उइके ने छत्तीसगढ़ में मात्रात्मक त्रुटि के कारण कई जनजातीय समुदायों को उनके अधिकार न मिलने के बारे में राष्ट्रपति को जानकारी दी और इसके शीघ्र समाधान के लिए अनुरोध किया। राज्यपाल ने राष्ट्रपति मुर्मू को फिर धन्यवाद देते हुए कहा कि आपके राष्ट्रपति बनने से जनजातीय समुदाय में एक उम्मीद जगी है कि अब उनके अधिकारों और हितों से जुड़े प्रयासों को गति मिलेगी। राज्यपाल ने संवैधानिक अधिकारों के क्रियान्वयन संबंधी विषयों को भी प्रमुखता के साथ राष्ट्रपति के समक्ष रखा। (Rajyapal Uikey)

कल राष्ट्रपति ने ली शपथ

बता दें कि 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं। इस दौरान उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान को सराहना करते हुए कहा कि संथाल क्रांति, पाइका क्रांति से लेकर कोल क्रांति और भील क्रांति ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान को और सशक्त किया था।  (Rajyapal Uikey)

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