कांकेर में भानुप्रताप देव के प्रतिमा का अनावरण, इन्होंने ने की शिरकत

Bhanu Pratap Dev: कांकेर– भानुप्रतापदेव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर के परिसर में 06 मार्च को संस्थापक महाराजाधिराज भानुप्रताप देव के प्रतिमा का अनावरण एक गौरवशाली समारोह में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजमाता त्रिपुरेश्वरी कुमारी देवी और महाराजाधिराज डॉ. आदित्य प्रतापदेव, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री अजय मण्डावी, सरोज ठाकुर, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद कांकेर, जितेन्द्र सिंह ठाकुर, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति, प्रो. प्रदीप सिंह गौर, से.नि. प्राध्यापक एवं अध्यक्ष डॉ. सरला आत्राम, प्राचार्य थी। इस अवसर पर राजपरिवार से कुंवर अश्वनी प्रतापदेव, उदय भान देव, महारानी शिखा देवी भी विशेष रूप से उपस्थति थी।

यह भी पढ़ें:- ‘भरोसे का बजट’ सभी वर्गों के हित का बजट: मंत्री अमरजीत भगत

कार्यक्रम की शुरूआत छत्तीसगढ़ राज्य के राजकीय गीत ‘अरपा पैरी के धार” से किया गया। मंचासीन अतिथियों का महाविद्यालय परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया। इसके पूर्व अतिथियों को मंच तक राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा बस्तर का पारंपरिक रेला नृत्य करते हुए लाया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रो शरद ठाकुर द्वारा महाराजाधिराज भानुप्रतापदेव के व्यक्तित्व पर सारगर्भित परिचय दिया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एवं राज परिवार का प्रतिनिधित्व करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. आदित्यप्रताप देव ने महाराजाधिराज भानुप्रतापदेव को उच्च शिक्षा का स्वप्न दृष्टा बताया। उन्होंने नरहरदेव स्कूल की स्थापना को भी उनके शिक्षा के प्रति समर्पण की भावना का परिचायक बताया। (Bhanu Pratap Dev)

डॉ. आदित्यप्रताप देव ने कहा कि भानुप्रतापदेव उन विरले राजाओं में थे जिन्होंने भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के आह्वान पर अपने रियासत का भारतीय गणतंत्र में विलय किया। जो उनकी अपनी प्रजा के प्रति सर्वागीण विकास का सोच रहा है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि पद्मश्री अजय मंडावी ने कांकेर नगर में उच्च शिक्षा के पहल करने वाले महाराजाधिराज भानुप्रतापदेव को नमन करते हुए उनके वनांचल में उच्च शिक्षा के लिए किए गए सदप्रयासों को क्रांतिकारी कदम बताया। महाराजाधिराज भानुप्रतापदेव एवं क्षेत्र के दानदाताओं के द्वारा महाविद्यालय संचालन के लिए दान दिये गये अनेकों एकड़ कृषि भूमि को फिर से व्यवस्थित करते हुए उससे प्राप्त धन राशि को विद्यार्थियों के हित में लगाने पर जोर दिया। (Bhanu Pratap Dev)

कार्यक्रम को नगर पालिका अध्यक्ष सरोज ठाकुर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कांकेर नगर के लिए गौरव की बात है कि इस अंचल के उच्च शिक्षा के प्रथम स्वप्न दृष्टा महाराजाधिराज भानुप्रतापदेव के प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है। उन्होंने महाराधिराज भानुप्रतापदेव को पूरे नगर वासियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बताया। साथ-साथ उन्होंने राज परिवार के सभी सदस्यों का आभार भी माना।  विशिष्ट अतिथि और सेवा निवृत्त प्रध्यापक प्रो. प्रदीप सिंह गौर ने इस महाविद्यालय की स्थापना के लिए राज परिवार का आभार मानते हुए कहा कि यह महाविद्यालय उनके दूरगामी सकारात्मक सोच का परिणाम है, जो अंचल में ज्ञान का अलख जगाने वाला रहा है। (Bhanu Pratap Dev)

बता दें कि महाराजाधिराजा भानुप्रतापदेव की मूर्ति को प्रो. प्रदीप सिंह गौर ने ही भेंट की है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. सरला आत्राम प्राचार्य ने दण्डकारण्य क्षेत्र के उच्च शिक्षा के लिए समर्पित महाराजाधिराज भानुप्रतापदेव के अमूल्य योगदान को याद करते हुए पूरे महाविद्यालय परिवार को उनका ऋणी बताया। उन्होने महाराजाधिराज भानुप्रतापदेव के उच्च शिक्षा के सपना को सकार करने के लिए महाविद्यालय परिवार को कृत संकल्पित बताया डॉ. सरला आत्राम ने महाराजाधिराज के सपनो का सकार करते हुए समाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित महाविद्यालय के गौरव शाली परम्परा का आगे बढ़ाने के लिए हमेशा तत्पर रहने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम का संचालन अर्चना सिंह विभागाध्यक्ष अंग्रेजी और आभार प्रदर्शन विजय कुमार रामटेके, विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के सफल बनाने में पूरे महाविद्यालय परिवार का सक्रिय योगदान रहा है। इस अवसर पर महाविद्यालय के जनभागीदारी के सदस्यों के अलावा नगर के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। (Bhanu Pratap Dev)

Related Articles

Back to top button