Union Budget 2025 : खत्म हुआ इंतजार, आज 11 बजे पेश होगा देश का बही-खाता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आम बजट पेश करेंगी. यह बजट नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की दिशा तय करने वाला हो सकता है

Union Budget 2025 : मोदी सरकार 3.0 का आज पहला पूर्ण बजट है. करीब 1.4 अरब देशवासियों की नजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे पर है. सवाल है कि क्या मिडिल क्लास को टैक्स में छूट मिलेगी, क्या सस्ते घर और एजुकेशन का सपना पूरा होगा? आज इन सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा. जी हां, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी शनिवार (1 फरवरी 2025) को मोदी सरकार के तीसरे टर्म का यूनियन बजट पेश (Union Budget 2025) करने को तैयार हैं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे संसद में आम बजट (Union Budget 2025) पेश करेंगी. एनडीए सरकार के कार्यकाल में निर्मला सीतारमण अब तक छह पूर्ण और दो अंतरिम बजट पेश कर चुकी हैं. यूनियन बजट 2025 वित्त मंत्री सीतारमण का संसद में आठवां बजट भाषण होगा. आज पूरे देश की निगाह निर्मला सीतारमण के पिटारे पर है. इस पिटारे से देश की आम जनता के लिए क्या-क्या निकलेगा, कुछ देर बाद पता चल जाएगा. मिडिल क्लास को इनकम टैक्स स्लैब में राहत की उम्मीद है. उम्मीद है कि इस यूनियन बजट में मिडिल क्लास की टैक्स कटौती की आकांक्षा और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था की जरूरतों के बीच संतुलन स्थापित किया जाएगा.

किस सेक्टर को क्या हैं उम्मीदें?

महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मिडिल क्लास को जहां इस बजट से राहत की उम्मीद है. वहीं, सस्टेनेबिलिटी और संसाधनों के मामले में आत्मनिर्भरता पर पहले से कहीं अधिक फोकस की उम्मीद है. आइए जानते हैं कि इस बजट से किस सेक्टर को क्या उम्मीदें हैं?

मिडिल क्लास: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गरीब और मध्यम वर्ग के उत्थान के लिए धन की देवी का आह्वान करने के बाद आयकर में राहत मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. खासकर निम्न मध्यम वर्ग को बजट में कुछ राहत मिल सकती है.

रीसाइक्लिंग इकोसिस्टम पर फोकस की उम्मीद

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक देश है. यहां सालाना 32 लाख टन से ज्यादा ई-कचरा पैदा होता है. समय की मांग को देखते हुए इस बजट में सस्टेनेबिलिटी और संसाधनों के मामले में आत्मनिर्भरता पर पहले से कहीं अधिक फोकस की उम्मीद है.

औद्योगिक और सर्विस सेक्टर पर फोकस: आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में शुक्रवार को कहा गया कि राज्यों को औद्योगिक या सेवा क्षेत्रों में वृद्धि हासिल करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर व्यावसायिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु की देश के कुल इंडस्ट्रीयल ग्रॉस स्टेट वैल्यू एडेड (जीएसवीए) में हिस्सेदारी 43 प्रतिशत के करीब है. वहीं, सिक्किम और असम को छोड़कर छह पूर्वोत्तर राज्यों की कुल जीवीए में हिस्सेदारी 0.7 प्रतिशत है.

इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश होगा जोर

भारत को वृद्धि की ऊंची रफ्तार को बनाए रखने के लिए अगले दो दशक में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को लगातार बढ़ाने की जरूरत है. इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 में कहा गया है कि भारत को उच्च वृद्धि दर बनाए रखने के लिए अगले दो दशक में अवसंरचना निवेश को लगातार बढ़ाने की जरूरत है.

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