छत्तीसगढ़ में मीसा बंदियों की पेंशन बहाली को लेकर सदन में जमकर हुआ हंगामा

छत्तीसगढ़ विधानसभा में शून्यकाल के दौरान मंगलवार को भाजपा विधायकों ने मीसा बंदियों को फिर से पेंशन देने का मसला उठाया। भाजपा विधायकों ने मीसा बंदियों की पेंशन बहाली के मसले पर स्थगन के जरिये चर्चा की मांग की। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि असहमति को कुचलकर आपातकाल लगाया गया था। न्यायालय से फैसला हो चुका है फिर भी मीसा बंदियों को पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि या तो इस सदन में चर्चा हो जाये या सदन में सरकार की ओर से पेंशन फिर से शुरू करने की घोषणा होनी चाहिए। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार के समय मीसा बंदियों को पेंशन देने की शुरुआत की थी। राजनीतिक कारणों से उसे रोका गया, उसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए। भाजपा विधायकों ने इस मामले में स्थगन के जरिए चर्चा की मांग की।

नहीं मिल रही सम्मान निधि

छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस नहीं होती तो आपातकाल नहीं लगता। लोकतंत्र सेनानी का सम्मान आपातकाल में जेल गए लोगों को दिया गया। प्रदेश की कांग्रेस सरकार की हठधर्मिता कर रही है। कोर्ट के निर्णय के बावजूद राजनीतिक कारणों से सम्मान निधि उन्हें नहीं मिल रही है। सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं दिखाई देने पर सदन में भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की वजह से विधानसभा की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

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