छत्तीसगढ़ की ‘मुरिया दरबार’ झांकी को बनाए बेस्ट, आज शाम तक कर सकते हैं वोट, पढ़ें पूरी खबर

Vote For Chhattisgarh Tableau: 26 जनवरी 2024 को नई दिल्ली के कर्तव्य-पथ पर गणतंत्र-दिवस परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार निकाली गई। इस झांकी में जनजातीय समाज में आदिम-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना के प्रमाण स्वरूप जगदलपुर के मुरिया दरबार और बड़े डोंगर के लिमऊ राजा को विषय-वस्तु के रूप में प्रस्तुत किया गया। छत्तीसगढ़ के लोक-संगीत से सजी इस झांकी में परब नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। झांकी की सजावट जनजातीय शिल्पों से की गई थी, जिसमें बेलमेटल और टेराकोटा शिल्प के सौंदर्य को प्रदर्शित किया गया। कर्तव्य-पथ पर दर्शक-दीर्घा में उपस्थित विशिष्ट-जनों और आम नागरिकों ने इस झांकी की सराहना की है।

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परेड में शामिल विभिन्न राज्यों की झांकियों के बारे में आम-नागरिकों की राय लेने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक पोल की शुरुआत की है। इसकी समय-सीमा आज (27 जनवरी) को शाम 5.30 बजे तक है। मुरिया दरबार को देश की बेस्ट झांकी का अवॉर्ड मिल सकता है। इसके लिए लोगों को वोट करना होगा। प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की झांकी को वोट देने की अपील की है। सरकार ने अपील करते हुए कहा- सभी नागरिकों से अनुरोध है कि कृपया छत्तीसगढ़ की झांकी के संबंध में अपनी राय अवश्य देवें। बता दें कि झांकी में आदिवासियों की संसद की तरह काम करने वाले मुरिया दरबार और बड़े डोंगर के लिमऊ राजा को दिखाया गया था। (Vote For Chhattisgarh Tableau)

वोटिंग के लिए प्रक्रिया

  • सबसे पहले भारत सरकार की MyGov  एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।
  • साइनअप करके अपने आपको रजिस्टर करें।
  • फिर साइन-इन करें। आप अपने मोबाइल नंबर और OTP के माध्यम से साइन इन कर सकते हैं।
  • डैशबोर्ड में पोल-सर्वे बटन पर क्लिक करें।
  • वोट फॉर योर फेबरेट टेबल्यू एट रिपब्लिक डे 2024 लिंक के नीचे कंट्रीब्यूट नाऊ बटन दबाएं।
  • अब छत्तीसगढ़ थीम आदिम जनसंसद ऑफ बस्तर मुरिया दरबार को चुने और सबमिट करें।
  • आपका वोट दर्ज हो जाएगा।
  • इस पर क्लिक करके कर सकते हैं अप्लाई

बता दें कि मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक परंपरा है, जो 600 सालों से चली आ रही है। इस परंपरा के उद्गम के सूत्र कोंडागांव जिले के बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा नामक स्थान पर मिलते हैं। इस स्थान से जुड़ी लोककथा के अनुसार आदिम-काल में जब कोई राजा नहीं था, तब आदिम-समाज एक नीबू को राजा का प्रतीक मानकर आपस में ही फैसला ले लिया करता था। प्रदेश की इस झांकी के विषय चयन और प्रस्तुतिकरण के लिए राज्य शासन ने जनसंपर्क विभाग को जिम्मेदारी दी थी। विषयों पर व्यापक शोध और अन्वेषण के बाद वरिष्ठ अधिकारियों समेत विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में झांकी को तैयार किया गया था। (Vote For Chhattisgarh Tableau)

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