लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जीका वायरस अपने पांव पसारने लगा है। कानपुर के बाद इस वायरस से संक्रमित होने के दो केस राजधानी लखनऊ में मिले हैं। यूपी सरकार में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा महानिदेशक डॉ. वेद व्रत सिंह ने बताया है कि लखनऊ के हुसैनगंज के फूलबाग निवासी एक पुरुष में जीका वायरस की पुष्टि हुई है।
बुखार के बाद मरीज की जांच कराई गई थी। जबकि दूसरा मामला कृष्णानगर निवासी 24 वर्षीय महिला पर भी जीका वायरस की पुष्टि हुई है।
कानपुर में संक्रमण की संख्या 100 से ऊपर:
कानपुर में पिछले एक महीने में इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 105 हो गई है। इनमें से 17 लोग उपचार के बाद ठीक हो गए हैं। कानपुर में जीका वायरस से संक्रमण के अभी कथित रूप से 88 एक्टिव केस हैं। कानपुर में जीका वायरस के मामलों में आई तेजी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कानपुर का दौरा किया और जिले के स्वास्थ्य एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
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जीका वायरस मुख्य रूप से मच्छर के काटने से फैलता है। इससे संक्रमित होने पर व्यक्ति में हल्का बुखार, शरीर पर धब्बे, मांसपेशियों में दर्द,सिरदर्द और बेचैनी जैसे लक्षण दिखते हैं।
क्या है जीका वॉयरस:
जीका वायरस भी वही मच्छर की प्रजाति से फैलता है जिससे डेंगू भी फैलता है यानी एडीस मच्छर। जीका वायरस सलाइवा और सीमेन जैसे शरीर के तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से संक्रामक हो सकता है। यह मनुष्यों के खून में भी पाया जा सकता है।
लक्षण:
जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान हैं। किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर से काटे जाने के बाद थोड़ा जीका बुखार और चकत्ते दिखाई दिए जा सकते है। कॉंजक्टिवेटाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और थकावट कुछ अन्य लक्षण हैं जिन्हें महसूस किया जा सकता है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर ने बताया जीका वॉयरस का असर करीब पंद्रह दिन तक रहता है।