मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, SC ने खारिज की जमानत याचिका
Sisodia Bail Plea Rejected: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति में अनियमितताओं से जुड़े मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है। SC का कहना है कि अगर सुनवाई धीमी गति से आगे बढ़ती है तो मनीष सिसोदिया बाद में फिर से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया 247 दिन से जेल में बंद है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत देने से इनकार कर दिया है। AAP नेता सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। उन्हें 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने 30 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए कहा कि घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं। इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। (Sisodia Bail Plea Rejected)
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इससे पहले 17 अक्टूबर को कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 30 अक्टूबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया। मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। तब से वो हिरासत में हैं। ED ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 28 फरवरी को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। (Sisodia Bail Plea Rejected)
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी किया था इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 मई को CBI केस में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री होने के नाते, वह एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। 3 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। साथ ही कहा था कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं। ऐसे में जमानत नहीं दिया जा सकता है। (Sisodia Bail Plea Rejected)