भारत में अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, राष्ट्रपति और PM मोदी ने दी बधाई

Agni-5 Missile: भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह भारत की पहली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज 5000 किलोमीटर है। यह मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल यानी MIRV टेक्नोलॉजी से लैस है। यानी इसे एक साथ कई टारगेट्स पर लॉन्च किया जा सकता है। इसका पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में हुआ था। जबकि 11 मार्च 2024 को परीक्षण MIRV के साथ हुआ। बता दें कि DRDO ने MIRV तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइल का परीक्षण किया है।

यह भी पढ़ें:- लोकसभा चुनाव से पहले शुरू हुआ पोस्टर वॉर, BJP ने लिखा- राजनांदगांव या जिहादगांव…चुनाव आपका है

इस कामयबी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बधाई दी है। मिशन दिव्यास्त्र के तहत अग्नि V का पहला उड़ान परीक्षण भारत की अधिक भू-रणनीतिक भूमिका और क्षमताओं की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक तकनीक भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक मजबूत कदम है। मैं इस बड़ी उपलब्धि के लिए टीम DRDO को हार्दिक बधाई देता हूं। मुझे यकीन है कि वे उत्कृष्टता और आत्मनिर्भरता की अपनी खोज में तेजी से आगे बढ़ते रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। (Agni-5 Missile)

वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा- हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन। स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल के पहले उड़ान परीक्षण, सफल मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे DRDO वैज्ञानिकों और नागरिकों को हार्दिक बधाई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने मिशन दिव्यास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया – मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण और उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया जिनके पास एमआईआरवी (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री) क्षमता है। हमारी तरफ से बधाई DRDO की पूरी टीम को धन्यवाद। भारत को उन पर गर्व है। (Agni-5 Missile)

Related Articles

Back to top button