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Ayurveda Tips: इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार है आंवला, त्वचा और बालों के साथ ही सेहत के लिए भी लाभदायक

Ayurveda Tips: आयुर्वेद में आंवला को धात्री यानी धाय मां के समान पोषण प्रदान करने वाला कहा गया है। ये एक ऐसा फल है, जिसके अनगिनत लाभ हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और कई रोगों के बचाव और इलाज में कारगर है। आंवला का उपयोग फल, मुरब्बा, अचार, शरबत, जूस और औषधि के रूप में किया जाता है। यह रसोई से लेकर उपचार के लिए बहु-उपयोगी है।

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शासकीय आयुर्वेदिक कालेज, रायपुर के सह प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि आयुर्वेद पद्धति में आंवले का अवलेह और चूर्ण के रूप में औषधीय उपयोग है। यह स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के लिए रसायन के तौर पर बुखार, सर्दी- खांसी और कुष्ठ रोग के उपचार में प्रयुक्त होता है। सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है। इसे अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, यानी ऐसी औषधि जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है।

हो सकती है ये बीमारी

पेट से संबंधित रोगों जैसे अम्लपित्त, अपचन, कब्जियत और पीलिया के इलाज में आंवला का विभिन्न विधियों में उपयोग किया जाता है। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी, आयरन, मिनरल और न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कुपोषण समेत एनीमिया दूर करने में सहायक होता है। नेत्र रोगों में आंवला भीगे पानी का बाह्य उपयोग और आंवला घृत का अभ्यांतर प्रयोग लाभकारी होता है। आंवला सौंदर्यवर्धक और बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक है। (Ayurveda Tips)

डॉ. शुक्ला ने दी जानकारी

डॉ. शुक्ला ने बताया कि आंवला हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, जिसकी वजह से हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। आंवला का आहार या औषधि के रूप में उपयोग केवल आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञों के परामर्श और मार्गदर्शन में करना चाहिए अन्यथा नुकसानदेह हो सकता है। (Ayurveda Tips)

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