Navratri 1st Day: नवरात्रि के पहले दिन होगी मां शैलपुत्री की पूजा, ऐसे करें माता की पूजा

Navratri 1st Day: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। आज नवरात्रि का पहला दिन हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री की पूजा करने से जातक की सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही मां शैलपुत्री की कृपा भी प्राप्त होती है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री और मां पार्वती का स्वरूप माना गया है। मां शैलपुत्री शक्ती, दृढ़ता, आधार और स्थिरता का प्रतीक मानी जाती है। कहा जाता है कि मां शैलपुत्री भगवान शंकर की पत्नी के रूप में भी जानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा के दौरान योग साधना करते हैं, साथ ही योगी अपनी शक्ति का मूलाधार में स्थित करते हैं।

मां शैलपुत्री का वाहन व स्वरूप
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मां शैलपुत्री का वाहन वृषभ यानी बैल हैं, जिसके कारण माता को वृषभारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है। मां शैलपुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित हैं।

मां शैलपुत्री को लगाएं ये भोग

मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि मां दुर्गा को गाय के घी से बनी चीजें बेहद प्रिय हैं. गाय के घी से बने बादाम के हलवे से मां शैलपुत्री को भोग लगा सकते हैं. ()Navratri 1st Day)

माता शैलपुत्री की पूजा के समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.

ऊं ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:

जानें क्या है महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री का स्वरूप हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व अधिकार स्थापित होता है। यानी कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा और प्रार्थना करने से व्यक्ति स्थायित्व व शक्तिमान हो जाता है। कहा जाता है कि जो जातक मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा करता है, उसके जीवन में स्थिरता आती है।स साथ ही उनका जीवन मंगलकारी हो जाती है। (Navratri 1st Day)

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