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Edible Oil latest prize: मूंगफली और सरसों तेल की कीमतों में गिरावट, जानिए कितने में मिल रहा 1 लीटर

Edible Oil latest prize: देश में लगातार बढ़ती महंगाई और ग्लोबल मार्केट में तेजी के बीच राहत भरी खबर सामने आई है। दरअसल, ग्लोबल मार्केट में तेजी के बीच दिल्ली तेल-तिलहन मार्केट में सरसों, मूंगफली और सोयाबीन की कीमतों में सुधार देखने को मिला है। सरसों रिफाइंड तेल के सस्ता होने का असर सोयाबीन की कीमतों पर देखने को मिल रहा है। जबकि DOC के भाव में भी मामूली सुधार देखने को मिला है।

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जानकारी के मुताबिक सस्ता होने की वजह से सरसों, मूंगफली तेल की मांग बढ़ गई है, जिससे इनके भाव सुधार के साथ बंद हुए हैं, लेकिन जिस रफ्तार से सरसों के रिफाइंड बनाए जा रहे हैं और शेष आयातित महंगे तेलों में इसे मिलाया जा रहा है, उसे देखते हुए सरसों का संकट आगे जाकर गहराने की पूरी संभावना बन रही है। अगली फसल आने में लगभग 9 महीने की देर को देखते (Edible Oil latest prize) हुए सरकार को बरसात के दिनों में भारी संकट की स्थिति देखनी पड़ सकती है।

इसलिए कम आ रहे मंडियों में माल 

सरकारी खरीद एजेंसियों और सहकारी संस्थाओं को लगभग दो चार लाख टन सरसों की खरीद करते हुए स्टॉक बना लेना चाहिए। सरसों और मूंगफली (Edible Oil latest prize) तेल तिलहन में सुधार का कारण यह भी है कि कम कीमत पर बेचने के लिए किसान राजी नहीं हैं और इसलिए मंडियों में कम माल ला रहे हैं।

MRP को लेकर लगातार मिल रही शिकायत

बताया जा रहा है कि MRP को लेकर अभी भी गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही हैं, जहां खुदरा में इसे थोक मूल्य से काफी ऊंचे भाव पर बेचा जा रहा है। सरकार को तत्काल कदम उठाते हुए इसे रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित (Edible Oil latest prize) करनी होगी। छापे मारने से कहीं अधिक कारगर खुदरा में बिकने वाले खाद्य तेलों के MRP की जांच से मदद मिलने की संभावना है।

खाने के तेल की ताजा कीमतें

  • सरसों तिलहन – 7,340-7,390  रुपये प्रति क्विंटल बीक रहा है।
  • मूंगफली – 6,685 – 6,820 रुपये प्रति क्विंटल बेचा जा रहा है।
  • मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,900 रुपये प्रति क्विंटल बीक रहा है।
  • मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,655 – 2,845 रुपये प्रति टिन बिक्री हो रही है।
  • सरसों तेल दादरी- 14,750 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक्री हो रही है।
  • सरसों पक्की घानी- 2,320-2,400 रुपये प्रति टिन में बेचा जा रहा है।
  • सरसों कच्ची घानी- 2,360-2,470 रुपये प्रति टिन में दिया जा रहा है।
  • तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,200 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,600 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • सीपीओ एक्स-कांडला- 14,400 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • बिनौला मिल डिलिवरी- 14,700 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 15,900 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • पामोलिन एक्स- कांडला- 14,750 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • सोयाबीन दाना – 6,750-6,850 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • सोयाबीन लूज 6,450- 6,550 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।
  • मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल की बिक्री।

सरसों की खपत 15 फीसदी

बता दें कि भारत हर साल करीब 13 से 13.50 मिलियन टन खाने के तेल का आयात करता है। जिसमें 63 फीसदी हिस्सेदारी यानी 8 से 8.50 मिलियन टन पाम ऑयल की हिस्सेदारी है। 63 फीसदी आयात किए जाने पाम ऑयल (Edible Oil latest prize) में 45 फीसदी इंडोनेशिया से आयात किया जाता है। महंगे कीमतों के चलते 2021-22 में खाने के तेल का आयात 1.5 मिलियन टन से घटकर 1.3 मिलियन टन रह गया। फिर भी कीमतों में उछाल के चलते 2021-22 में खाने के तेल के आयात पर 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा है। जबकि उससे पहले साल में 82,123 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा था।

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