विवाह की उम्र में बदलाव: लड़की की शादी की उम्र 21 साल पर खाप चौधरी नहीं एकमत

केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के लिए सरकार संशोधन विधेयक ला सकती है। बुधवार को लड़कियों की शादी की उम्र 21 हो इस प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके साथ मौजूदा समय में लड़कियों की विवाह की आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष हो सकेगी।

इसे भी पढ़े:छत्तीसगढ़ की एक और उपलब्धि, क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

इस फैसले को लेकर अब चर्चा शुरू हो गई है। महिलाओं ने सरकार के इस निर्णय को स्वागत योग्य बताया है। जबकि खाप चौधरी इस मुद्दे पर एकमत नहीं हैं। कोई इस निर्णय को उचित बता रहा है तो कोई इसे गलत करार दे रहा है। इस मुद्दे पर खाप चौधरियों और महिलाओं की ये है राय

लड़कियां पूरी कर पाएंगी शिक्षा 

लड़की की शादी की उम्र 21 साल किए जाने का निर्णय स्वागत योग्य है। शिक्षा के हिसाब से यह सही है। 18 साल में लड़कियां शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं कर पाती हैं। जिसके चलते कई बार उनकी पढ़ाई बीच में छूट जाती है। इस निर्णय के बाद लड़कियां अपनी शिक्षा पूरी कर पाएंगी।- बाबा राजेंद्र मलिक, चौधरी गठवाला खाप।

शादी-विवाह का निर्णय मां बाप का होना चाहिए

लड़की की शादी-विवाह की आयु 21 वर्ष करने का सरकार का फैसला गलत है। यह फैसला करने का अधिकार मां बाप का होना चाहिए। लड़की के स्वास्थ्य को देखते हुए बालिका की शादी 18 में की जा सकती है।- बाबा संजय कालखंडे, चौधरी कालखंडे खाप

शिक्षित बालिका की शादी विवाह का निर्णय 21 साल उचित

लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल निर्धारित किया जाना उनके लिए उचित है जो लड़की पढ़-लिखकर नौकरी करना चाहती है। सरकार का फैसला स्वागत योग्य है, मगर ग्रामीण क्षेत्र में 18 साल की आयु में लड़कियों की शादी करने का निर्णय भी ठीक है।- चौधरी नरेश टिकैत, भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष व चौधरी बालियान खाप।

18 में जब बालिग तो शादी क्यों नहीं

लड़कियों के बालिग होने पर विवाह शादी हो जानी चाहिए। 18 साल की आयु होने पर लड़की घर से बाहर जाती है तो परिजनों को उसकी चिंता रहती है। शादी की उम्र 21 साल होने पर यह समय और बढ़ गया। जिससे परिजनों की परेशानी ओर बढ़ जाएगी। बालिकाओं की शादी विवाह का निर्णय न्यायालय का अधिकार होना चाहिए। सरकार का लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल किए जाने का निर्णय बिल्कुल गलत है- चौधरी श्याम सिंह, गठवाला थांबेदार, बहावड़ी।

लड़कियां आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनेंगी

केंद्र सरकार का लड़कियों की शादी की आयु 21 वर्ष करने का निर्णय स्वागत योग्य है। इस निर्णय से लड़कियां आत्मनिर्भर स्वावलंबी बन सकेंगी। 18 साल तक बालिकाएं इंटरमीडियट की परीक्षा पास कर पाती हैं। 21 वर्ष की आयु में बालिकाएं स्नातक तक शिक्षा प्राप्त करके ट्रेडिशनल कोर्स की ओर बढ़ जाएगी।- कुमुद शर्मा, शिक्षिका एवं जिला प्रभारी पंतजलि योग समिति शामली।

18 साल में शादी योग्य नहीं होती, 21 साल में आ जाती है समझदारी

18 साल की आयु में बालिका शादी के लिए मेच्योर नहीं हो पाती है। 21 साल की आयु में बालिकाओं की शादी और घर परिवार की जिम्मेदारी संभालने की समझदारी और क्षमता आ जाएगी। सरकार का निर्णय बिल्कुल सही है। सरकार ने बालक-बालिका की एक समान 21 वर्ष की आयु शादी विवाह करने निर्णय स्वागत योग्य है- डॉ. मृदुला जैन, शिक्षिका

Related Articles

Back to top button