CHHATH PUJA 2024: हिन्दू धर्म में छठ पूजा का बहुत अधिक महत्व होता है। छठ पूजा के दौरान बांस के सूप को शुभ माना जाता है। बांस एक प्राकृतिक वस्तु है और छठ पूजा में प्रकृति की पूजा की जाती है। इसलिए इस दौरान बांस के सूप का इस्तेमाल किया जाता है। इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग पूजा के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा में बांस के सूप का उपयोग करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे व्रती महिलाओं को मनचाहा फल प्राप्त होता है।
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कब मनाया जाएगा छठ पूजा का पर्व?
द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस साल 2024 में यह पर्व 7 नवंबर (गुरुवार) को तड़के 12 बजकर 41 मिनट से शुरु होगा, जिसका समापन शुक्रवार 8 नवंबर को 12 बजकर 34 मिनट पर होगा। इस प्रकार, 7 नवंबर को शाम का अर्घ्य और 8 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।
क्यों मनाई जाती है छठ?
छठ पूजा में मुख्य रूप से तीन दिनों तक मनाई जाती हैं। जिसमें नहाय खाय, खरना, और संध्या अर्घ्य शामिल हैं। यह मान्यता है कि जो भी पति-पत्नी श्रद्धा भाव से छठ माता का पूजन करते हैं, उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और निःसंतान दम्पत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। (CHHATH PUJA 2024)
क्यों होता है बांस का उपयोग?
प्राचीन काल में लोग प्राकृतिक वस्तुओं का ही उपयोग किया करते थें। ऐसे में बांस की आसानी से उपलब्धता के कारण इसका पूजा में उपयोग शुरू हुआ। छठ पूजा में छठ माता और सूर्य देव की पूजा की जाती हैं। सूर्य देव को ऊर्जा और जीवन का दाता माना जाता है। वहीं, बांस एक तेजी से बढ़ने वाला पौधा है, जिसे सूर्य देवता की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, बांस से पूजा करने से लोगों के घर में धन और सुख-समृद्धि आती हैं। साथ ही जीवन की समस्याएं भी समाप्त होती हैं।
छठ पूजा में बांस से बनी कई चीजों का उपयोग किया जाता हैं। जैसे- बांस की टोकरी, सूप, और कोनी आदि। विशेष रूप से, सूर्य देव की पूजा में बांस के सूप का उपयोग किया जाता है। बांस के सूप के बिना पूजा को अधूरा माना जाता है। बांस के सूप में कई प्रकार के फल और ठेकुआ आदि भी रखे जाते हैं। (CHHATH PUJA 2024)