नेपाल में आया 6.4 तीव्रता का भूकंप, 141 से ज्यादा की मौत, दिल्ली समेत कई हिस्सों में महसूस किए गए झटके

Earthquake in Nepal: पड़ोसी देश नेपाल में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है, जिसके कारण 141 लोगों की मौत हो गई है। नेपाल के दो जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। भूकंप से जाजरकोट में 105 लोगों की जान गई। वहीं रुकुम पश्चिम में 36 लोगों की मौत हुई है। DIG कुवेर कडायतेन ने मौतों की पुष्टि की है। भूकंप में अब तक 140 लोगों के घायल होने की खबर है। इसके झटके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी महसूस किए गए। इसका केंद्र नेपाल में काठमांडू से 331 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था। पिछले महीने भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई थी।

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बता दें कि नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसमें करीब 5 लाख मकानों को नुकसान पहुंचा था। मध्यप्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और रीवा में भी भूकंप ​​​​​​के झटके महसूस किए गए। प्रदेश के आगर-मालवा और मुरैना जिले के कुछ हिस्सों में भी धरती हिली। बिहार में पटना समेत आरा, दरभंगा, गया, वैशाली, खगड़िया, सिवान, बेतिया, बक्सर, बगहा, नालंदा, नवादा 11 जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के दौरान धरती करीब एक मिनट तक धरती हिलती रही। कई बार आफ्टर शॉक्स भी महसूस किए गए। सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और दरभंगा के कुछ हिस्से जोन 5 में आते हैं, जो बेहद खतरनाक हैं।

राजधानी पटना समेत बिहार के बाकी हिस्से जोन 4 में आते हैं, जहां भूकंप का खतरा कम रहता है। हरियाणा के गुरुग्राम समेत कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यूपी में राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, कासगंज समेत कई जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि अभी तक भूकंप की तीव्रता का पता नहीं चला है। गाजियाबाद के रहने वाले गोपाल ने बताया कि भूकंप के झटके 15 सेकंड से ज्यादा देर तक महसूस किए गए। जानकारी के लिए बता दें कि नेपाल उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं जो हर 100 साल में एक-दूसरे के करीब दो मीटर आगे बढ़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दबाव बनता है जिससे भूकंप आता है। (Earthquake in Nepal)

इस वजह से महसूस होते हैं भूकंप के झटके

वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है। भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। (Earthquake in Nepal)

हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड

भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है। वहीं कई बार सिर्फ झटके ही महसूस होते हैं। नुकसान कुछ नहीं होता। बता दें कि हर साल पूरी दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं, जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक रहा था। कई भूकंप सामान्य होते हैं। जबकि कई भूकंप इतने खतरनाक होते हैं कि कई लोगों की मौत हो जाती है। (Earthquake in Nepal)

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