बलरामपुर और जांजगीर-चांपा में रोका गया बाल विवाह, बारात जाने की थी तैयारी

Child Marriage in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में बाल विवाह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस बीच  जांजगीर-चांपा और बलरापुर जिला प्रशासन ने बाल विवाह रुकवाया है। दरअसल, जांजगीर से गुरुवार को बारात मुंगेली जानी थी। अधिकारियों ने नाबालिग लड़के के माता-पिता को समझाइश देने के बाद शादी रुकवाई। मामला पामगढ़ जनपद पंचायत के भिलोनी गांव का है। जानकारी के मुताबिक अंकसूची पर दूल्हे की उम्र 20 साल 9 महीने 10 दिन पाई गई है। वहीं मुंगेली जिले की लड़की की उम्र के लिए समन्वय किया गया। इसके बाद पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने दूल्हे के माता-पिता को शादी नहीं करने की समझाइश दी।

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दरअसल, जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि भिलौनी गांव में दूल्हे की उम्र कम है, जिस पर कलेक्टर आकाश छिकारा ने बाल विवाह रोकने के निर्देश दिए। महिला एवं बाल विकास अधिकारी अनीता अग्रवाल और पुलिस की टीम नाबालिग के घर पहुंची और परिजनों को समझाइश दी। शादी रोकने पर सहमति जताई। महिला एवं बाल विकास अधिकारी अनीता अग्रवाल ने बताया कि नाबालिग के घर में हल्दी और मेंहदी की रस्म पूरी कर ली गई थी। मुंगेली जिला बारात जाने के लिए तैयारी चल रही थी, जिसे समय रहते बारात को रोका गया। इस दौरान अधिकारियों ने बाल विवाह से होने वाली परेशानियों से अवगत कराया। साथ ही कानूनी कार्रवाई के बारे में भी बताया, जिसमें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 साल और लड़की उम्र 18 साल निर्धारित है। (Child Marriage in Chhattisgarh)

इसी तरह बलरामपुर में भी संयुक्त टीम ने बाल विवाह होने से रोका है। दरअसल, कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और चाइल्ड लाइन को जिले में बाल विवाह राकने के लिए उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया है। इस दिन बड़ी संख्या में विवाह सम्पन्न होते हैं। ऐसे में दूसरे दिनों के साथ-साथ विशेष रूप से अक्षय तृतीया को निगरानी रखने की आवश्यकता है कि जिले में कही भी बाल विवाह न हो इसके लिए जिला प्रशासन सतर्क भी है। इसी कड़ी में सूचना प्राप्त हुई की पिपराही गांव में बाल विवाह हो रही है। इसके बाद संयुक्त टीम ने  पिपराही पहुंचकर लड़के के माता-पिता और सगे संबंधियों को समझाइश देकर बाल विवाह होने से रोका। (Child Marriage in Chhattisgarh)

वहीं उपस्थित लोगों को बताया कि बाल विवाह सिर्फ एक सामाजिक बुराई ही नहीं, बल्कि कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर और मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी बढ़ोतरी होती है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर और वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर ऐसी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करता है तो उसे दो साल तक के कठोर कारावास या जुर्माना जो कि 01 लाख रुपए तक हो सकता है। किसी व्यक्ति को बाल विवाह की जानकारी प्राप्त होती है तो जिला बाल संरक्षण अधिकारी मोबाइल नंबर 9826278915 या टोल फ्री नंबर 1098 पर कॉल करके और अपने ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, शिक्षक, कोटवार, तहसीलदार, थाना प्रभारी, पर्यवेक्षक समेत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बिना देरी के सूचित करें। आपकी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी। (Child Marriage in Chhattisgarh)

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