मुख्यमंत्री साय ने दी मकर संक्रांति की बधाई, कहा- इस दिन स्नान, ध्यान, जप, तप, दान का विशेष महत्व

CM on Makar Sankranti: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति और पोंगल पर्व की शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर सभी लोगों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मकर संक्रांति, पोंगल और लोहड़ी पर्व जैसे कई अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला पोंगल समृद्धि का प्रतीक है। यह त्योहार प्रकृति और फसल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक माध्यम है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मकर संक्रांति का त्यौहार ऋतु परिवर्तन का संदेश लेकर आता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऋतु परिवर्तन का पर्व सभी लोगों के जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आए।

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CM साय ने कहा कि इस दिन स्नान, ध्यान, जप, तप, दान का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस दिन दिए गए दान का सौ गुना पुण्य-प्रताप मिलता है। मैं कामना करता हूं कि आप सभी के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि की मिठास घुले। राज्यपाल रमेन डेका ने मकर संक्रांति, पोंगल, माघ (भोगाली) बीहू और उगादी पर्व पर देश-प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल ने कहा कि देश के विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग नामों से मनाए जाने वाले संक्रांति, पोंगल, माघ बीहू, उगादी जैसे पर्व भारत की सांस्कृतिक एकता को प्रदर्शित करते हैं और हमें विविधता में एकता के सूत्र में बांधे रखते हैं। राज्यपाल ने इस अवसर पर सभी की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। (CM on Makar Sankranti)

दान-पुण्य, जप और पूजा-पाठ का विशेष महत्व

बता दें कि सूर्य देव जब मकर राशि में जाते हैं तब मकर संक्रांति होती है। इस समय सूर्य उत्तरायण होते हैं। मकर संक्रांति के त्योहार पर गंगा स्नान, दान-पुण्य, जप और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति पर सूर्य धनु राशि को छोड़ते हुए अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश कर जाते हैं। इस दिन से सूर्यदेव की यात्रा दक्षिणायन से उत्तरायण दिशा की ओर होने लगती है। केरल में 40 दिनों का अनुष्ठान करते हैम, जो कि सबरीमाला में समाप्त होता है। बंगाल- पौष पर्वन कुल देवता और कुल देवी की विधि विधान से पूजा करते हैं। सभी व्यंजन चावल और खजूर, गुड बनते हैं। (CM on Makar Sankranti)

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