राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का समापन कल, CM भूपेश बघेल होंगे शामिल

CM Ramayan Mahotsav: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 3 जून को रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव 2023 के समापन समारोह और केलो महाआरती में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री बघेल रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से शाम 4 बजे विमान द्वारा रवाना होकर 4.30 बजे रायगढ़ पहुंचेंगे और वहां रायगढ़ के सर्किट हाऊस में शाम 5.45 बजे से विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री शाम 6.30 बजे रायगढ़ में केलो महाआरती में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के बाद रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव 2023 के समापन समारोह में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री रायगढ़ में रात्रि विश्राम करेंगे।

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भारत से करीब 4500 किमी की दूरी पर स्थित देश कम्बोडिया में विश्व का सबसे बड़ा विशाल अंगकोर वाट (विष्णु) मंदिर है। यहां की संस्कृति में भगवान राम घर-घर और लोगों के दिलों मे बसते हैं, यहां राम को हर आम आदमी की कहानी से जोड़कर देखा जाता है। कम्बोडिया से पहुंची 12 सदस्यीय टीम ने बताया कि यहां जिस तरह से भगवान राम को पूजते हैं, उसी तरह वहां भी राम की मान्यता है, हमारे यहां रामायण को ’’रिमकर’’ के नाम से जाना जाता है। (CM Ramayan Mahotsav)

यह एक कम्बोडियन महाकाव्य से उद्घृत कविता है, जो संस्कृत की रामायण से प्रेरित है। ’’रिमकर’’ यानी राम की महिमा होती है। कम्बोडिया में भी सरकार यहां की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करती है। यहां भगवान की कहानी को आम लोगों से जोड़कर दिखाया जाता है। कम्बोडिया से आए रामकथा के एक कलाकार ने बताया कि इस तरह की प्रस्तुति देने पहली बार भारत आए हैं, लेकिन इससे पूर्व वे पारिवारिक यात्रा में भारत आ चुके हैं। (CM Ramayan Mahotsav)

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में शुभारंभ अवसर पर 1 जून को कम्बोडिया की अंतर्राष्ट्रीय रामायण टीम ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी थी। आकर्षक वेशभूषा के साथ 25 मिनट की प्रस्तुति के दौरान टीम ने दर्शकों का दिल जीत लिया। कम्बोडिया रामायण टीम द्वारा अहिरावण प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति की गयी, इस प्रसंग में रावण का भाई अहिरावण राम को मूर्छित कर पाताल लोक ले जाते हैं। तब हनुमान राम को लाने पाताललोक जाते हैं, जहां उनका सामना अपने ही पुत्र मकरध्वज से होता है। युद्ध में दोनों की लड़ाई होती है, लेकिन इसमें किसी जीत या हार नहीं होती। अंत में हनुमान राम को वापस लाते हैं। (CM Ramayan Mahotsav)

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