जब कलेक्टर ने कहा- 2 साल से एक शेड नहीं बनवा पाए, सरकार का पैसा क्यों बर्बाद कर रहे…

Collector Taran Prakash: सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेने निकले जांजगीर-चांपा कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने अफरीद, सोंठी और पिपरदा और गोविंदा में गौठान का निरीक्षण किया। अफरीद में बनाये जा रहे अतिरिक्त शेड को देखकर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले से शेड होने के बाद भी नए की जरूरत क्या है ? यहाँ एक शेड्युक्त भवन को विगत 2 साल से बनते देख सख्त नाराजगी जताई और कहा कि दिन भर आप लोग क्या करते हैं ? एक छोटा सा शेड नहीं बनवा पा रहे हैं। दो साल में कई घर बन जाते हैं।

यह भी पढ़ें:- राजधानी में चल रहे शह-मात के खेल में हो रही दिमागी कसरत

उन्होंने कहा कि इस तरह शासन का पैसा बर्बाद क्यों कर रहे हो ? यहां न तो ठीक से मुर्गी पालन हुआ, न मशरूम उत्पादन हुआ। सरकार इतनी सुविधाएं दे रही है। पैसे का सदुपयोग करना सीखिए और यहां के लोगों को आगे बढ़ाइए। कलेक्टर ने आरईएस एवं ग्राम सचिव को तीन माह के भीतर निर्माण पूरा करने अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहने की बात कहते हुए स्व-सहायता समूह के सदस्यों को आजीविका गतिविधियों को बढ़ाने कहा। कलेक्टर सिन्हा ने बम्हनीडीह ब्लॉक के अफरीद में गौठान का अवलोकन किया। यहां गौठान समिति के अध्यक्ष श्री पारसनाथ और स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा करते हुए उन्होंने मवेशियों की संख्या को बढ़ाने और गोबर खरीदी करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने मुर्गी पालन करने वाली महिलाओं से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि दर्जनों मुर्गियां बीमारी से मर गई। जिससे उन्हें अभी आमदनी नहीं हो पाई। कलेक्टर ने पशुधन विकास के अधिकरियों को अच्छी नस्ल की मुर्गियां देने और समय-समय पर यहां बीमारियों के जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने यहां बिगड़े सोलर को बनवाने, मुर्गी शेड में जाली लगाने के निर्देश देते हुए गांव की सरपंच  चिंताबाई को भी गौठान को व्यवस्थित कर विकसित करने और आमदनी बढ़ाने की दिशा में कार्य करने कहा। (Collector Taran Prakash)

कलेक्टर ने ग्राम गोविंदा और पिपरदा में भी गौठान को विकसित करने, वर्किंग और मवेशियों के क्षेत्र का अलग रखने, समूह की महिलाओं को आयमूलक गतिविधियों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। खेतों में कीचड़ की परवाह न करते हुए और खुद का बैलेंस बनाते हुए ग्राम सोंठी में कलेक्टर सिन्हा किसान रमेश श्रीवास के खेत पहुंच गए। (Collector Taran Prakash)

धान के बदले अन्य फसल लेने और अपनी आमदनी बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहे किसान रमेश श्रीवास की गतिविधियों को देखकर कलेक्टर ने उनकी प्रशंसा की। किसान के केला बाड़ी और बनाए गए तालाब में मछली उत्पादन को देख कलेक्टर ने कहा कि आपकी सोच और दूरदर्शिता से आपकों आने वाले दिनों में आमदनी होगी। किसान ने कहा कि मत्स्य विभाग से तालाब और मछली उत्पादन समेत उद्यानिकी विभाग से केला बाड़ी के लिए राशि भी मिली है। समय-समय पर तकनीकी सलाह भी उन्हें मिलती है। कलेक्टर ने उन्हें अन्य किसानों को भी धान के बदले आयमूलक गतिविधियां हेतु प्रोत्साहित करने कहा। (Collector Taran Prakash)

स्कूल की उपस्थिति रजिस्टर जांची और जताई नाराजगी

कलेक्टर सिन्हा ने ग्राम गोविंदा में प्राथमिक शाला का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रधान पाठक के कक्ष में जाकर उपस्थिति रजिस्टर की जांच की। यहां के दो शिक्षकों के ट्रेनिंग में होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे में विद्यार्थियों को एकमात्र शिक्षक कैसे पढ़ा पाएंगे?। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और BEO को तत्काल मोबाइल पर फोन लगाकर इस संबंध में निर्देश दिए और कहा कि स्कूली विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान किसी कीमत पर न हो, इसका ध्यान रखा जाए। (Collector Taran Prakash)

बरगद के नीचे लगाई चौपाल 

कलेक्टर सिन्हा ने ग्राम गोविंदा में बरगद पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर गौठान से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आपके गांव में ग्रामीण आद्यौगिक पार्क की स्थापना कर सभी को रोजगार से जोड़ने पहल की जा रही है। हैण्डलूम के साथ मछली उत्पादन, मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन के साथ मसाला उद्योग, आचार, पापड़, बड़ी बनाने जैसी गतिविधियां से जुड़कर आप अपने आमदनी को बढ़ा पाएंगी। (Collector Taran Prakash)

कलेक्टर ने यहां मल्चिंग, पॉली हाउस बनाने, फलदार वृक्ष लगाने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने ग्राम पिपरदा, अफरीद, गोविंदा में राजीव युवा मितान क्लब के युवाओं से चर्चा की और उन्होंने कहा कि शासन द्वारा आपकी नियुक्ति ग्रामीणों को सकारात्मकता की तरफ जोड़ने और उनके जीवन स्तर में बदलाव के लिए की गई है। आप ग्रामीण क्षेत्र में शासन की योजनाओं की जानकारी पहुंचाएं, उन्हें जागरूक बनाए और बच्चों को आंगनबाड़ी, स्कूल भेजने, अस्पताल में बीमारी का उपचार कराने, पेड़ लगाने, गांव को स्वच्छ बनाने, खेल-कूद की गतिविधियों से जोड़ने पत्र-पत्रिकाओं से देश-दुनिया की जानकारी प्रदान करें।

Related Articles

Back to top button