आरक्षण विधेयक को लेकर ‘राजभवन’ पर हमला, BJP-कांग्रेस में वार-पलटवार

Bjp Congress on Reservation: छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक को लेकर रार जारी है। इसी बीच आरक्षण संबंधी विधेयक के राजभवन में फंसे होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल और गवर्नर हाउस पर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के विधिक सलाहकार एकात्म परिसर में बैठते हैं। CM भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि राज्यपाल भाजपा के नेताओं के दवाब में विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं कर रहीं हैं, जिस पर पलटवार करते हुए पूर्व CM रमन सिंह ने कहा कि राज्यपाल का एकात्म परिसर से कोई लेने देना नहीं। राज्यपाल चाहे तो अटर्नी जनरल तक जा सकते हैं। वहीं बीजेपी नेता धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण को लेकर राजनीति कर रही है।

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पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण की हिमायती है तो आरक्षण पर कोर्ट जाने वालों को सम्मानित करे। कांग्रेस ऐसे लोगों को राज्यमंत्री का दर्जा दे। CM भूपेश बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्यपाल को बिल हस्ताक्षर योग्य नहीं लगता तो वापस करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल अनिश्चितकाल तक विधेयक अपने पास रखना चाहती हैं और इसका बहाना ढूंढ रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं से भी सवाल किया कि उन्होंने विधेयक पर साइन करने की मांग क्यों नहीं की। (Bjp Congress on Reservation)

वहीं छत्तीसगढ़ में आरक्षण की लड़ाई अदालत, विधानसभा और राजभवन होते हुए अब सड़क पर पहुंच गई है। आदिवासी समाज ने रायपुर में राजभवन घेराव के लिए कूच किया। पुलिस और आदिवासी सामाज के बीच झूमाझटकी भी हुई। छत्तीसगढ़ में आरक्षण की लड़ाई अब सड़क पर आ गई है। सर्व आदिवासी समाज ने रायपुर में राजभवन घेराव के लिए कूच किया तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इसके बाद आदिवासी समाज का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने पहुंचा लेकिन वह नहीं मिलीं। (Bjp Congress on Reservation)

इधर, कांग्रेस भी 3 जनवरी को महारैली के जरिए विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर चुकी है। आरक्षण पर देरी से कांग्रेस सरकार के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कहा कि राज्यपाल विधेयक को अनिश्चितकाल तक अटकाने का बहाना ढूंढ रही हैं और एकात्म परिसर में बैठे विधिक सलाहकार की राय पर काम कर रही हैं। कांग्रेस के आरोपों का बीजेपी नेताओं ने जवाब दिया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस पर राजभवन को अपमानित करने का आरोप लगाया। आरक्षण विधेयक पर देरी से संवैधानिक टकराव बढ़ता जा रहा है। सवाल है कि आरक्षण विधेयक आखिर कब तक राजभवन में अटका रहेगा और क्या विरोध प्रदर्शनों से राज्यपाल पर हस्ताक्षर का दबाव बनेगा। (Bjp Congress on Reservation)

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