भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की बर्दास्त नहीं किया जाएगा: शिक्षा मंत्री बृजमोहन

कागज खरीदी में पाठ्य पुस्तक निगम को 2 करोड़ रुपए की बचत

रायपुर : छत्तीसगढ़ में बच्चों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराने के लिए पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा किताबों की छपाई का काम किया जाता है। पहले इस काम में कागज की खरीदी में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रदेश के नए शिक्षा मंत्री और भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने (Education Minister Brijmohan) नई दिशा-निर्देश जारी किए। इन दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए की गई खरीदी में 2 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

यह भी पढ़ें:- महतारी वंदन योजना से संबंधित समस्या के निराकरण के लिए सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित, हेल्पलाइन नंबर जारी

पाठ्य पुस्तक निगम में अब तक हर वर्ष कागज की खरीदी के लिए टेंडर निकाला जाता था और फिर न्यूनतम दरों के आधार पर खरीदी की जाती थी। इस प्रक्रिया में, बाजार से इस बात का पता नहीं लगाया जाता था कि वास्तव में खुले बाजार में संबंधित कागज की कीमत कितनी है।

कम दरों पर कागज की आपूर्ति करने वाले विक्रेता अक्सर निम्न गुणवत्ता वाले कागज की आपूर्ति करते थे, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों को खराब गुणवत्ता की पाठ्य पुस्तकें मिलती थीं। बड़ी कंपनियों के पास छोटी कंपनियों की तुलना में कम दरों पर कागज की आपूर्ति करने की अधिक क्षमता होती थी, जिससे छोटी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाता था।

शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Education Minister Brijmohan) के निर्देश के बाद पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध निदेशक कुलदीप शर्मा ने किताबों के कवर पेज के लिए 250 GSM की मोटाई वाले कागज का मार्केट सर्वे कराया। और इसके साथ ही इसकी खुली निविदा भी निकाली गई। वर्ष 2024- 25 के लिए खरीदी की न्यूनतम दर 97 हजार 500 रूपये प्रति मीट्रिक टन लगाई गई।

जबकि वर्ष 2023 -24 में निविदा करके 250 GSM वाले कागज की खरीदी 1 लाख 17 हजार रूपये प्रति मीट्रिक टन के दर पर की थी।
इस बार 5 नए फर्मों ने निविदा में हिस्सा लिया। किसी भी पुराने फर्म ने टेंडर में हिस्सा नहीं लिया, जो अधिक दर पर पाठ्य पुस्तक निगम को कागज सप्लाई किया करते थे। यानी की इस साल कीमत बढ़ने की बजाय उसी मोटाई और उसी गुणवत्ता के कागज की कीमत घट गई।

अधिकारियों के मुताबिक पुराने सप्लायर्स इस बात का दबाव बना रहे थे कि वे बाजार के दर के आधार पर रेट कोड करें। लेकिन शिक्षा मंत्री के निर्देश और सख्ती के बाद उनकी एक न चली और पूरी प्रक्रिया में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीका अपनाया गया।
जिससे पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा की गई खरीदी में कुल 2 करोड़ रूपये बच गए।

दरअसल कांग्रेस कार्यकाल में पाठ्य पुस्तक निगम में बाजार से अधिक दर पर कागज की खरीदी की जाती थी जिसमे जमकर कमीशनखोरी की जाती थी। लेकिन बृजमोहन अग्रवाल के शिक्षा मंत्री बनने के बाद उन्होंने भभ्रष्टाचार* और कमीशनखोरी को बंद करने के लिए नए प्रक्रिया अपनाने और मार्केट सर्वे के निर्देश दिए थे।

शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि, किताबों के कवर पेज के बाद अब पन्नों की खरीदी में इसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा जिससे मार्केट सर्वे के बाद बाजार भाव के आधार पर न्यूनतम दर का निर्धारण किया जाएगा। जिससे निगम को लगभग 15 करोड़ रुपए की बचत होगी।

अग्रवाल (Education Minister Brijmohan) का कहना है कि यह पहल भ्रष्टाचार को खत्म करने और शिक्षा विभाग में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बचत शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस पैसे का इस्तेमाल शिक्षा के अन्य क्षेत्रों में जैसे स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार, और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए किया जाएगा।

Related Articles

Back to top button