डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ में जैन मुनि आचार्य विद्यासागर ने ली समाधि, पिछले साल PM मोदी ने की थी मुलाकात
Acharya Vidyasagar Samadhi: छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य विद्यासागर महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया। उन्होंने शनिवार (17 फरवरी) देर रात 2:35 बजे समाधि ली। उन्होंने पूर्ण जागृतावस्था में आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन का उपवास लिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था, जिसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। उनके शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोगों का डोंगरगढ़ में जुटना शुरू हो गया है। बता दें कि पिछले साल 5 नवंबर को PM नरेंद्र मोदी ने डोंगरगढ़ पहुंचकर जैन मुनि का आशीर्वाद लिया था। तब उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आचार्य 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।
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जानकारी के मुताबिक 6 फरवरी को दोपहर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर से चर्चा करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ले ली थी और उसी दिन आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने आचार्य पद के योग्य प्रथम मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि समय सागर महाराज को योग्य समझा और तभी उन्हें आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी।आचार्य द्वारा पिछले चार साल से दीक्षा नहीं दी गई। आखिरी बार उत्तरप्रदेश के ललितपुर में 28 नवंबर 2018 को दीक्षांत समारोह हुआ। इसमें 10 को मुनि दीक्षा दी। आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 में शरद पूर्णिमा को कर्नाटक के बेलगांव जिले के सद्लगा ग्राम में हुआ था। दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य विद्यासागर महाराज देश के ऐसे अकेले आचार्य थे, जिन्होंने अब तक 505 मुनि, आर्यिका, ऐलक, क्षुल्लक दीक्षा दी। (Acharya Vidyasagar Samadhi)
CM विष्णुदेव साय ने किया नमन
आचार्य कुन्थु सागर महाराज का नाम दूसरे नंबर पर आता है, उन्होंने अब तक 325 दीक्षा दी हैं। दमोह के कुंडलपुर में चल रहे महोत्सव में आचार्य अब एक साथ 500 से ज्यादा दीक्षा देने जा रहे हैं। वर्तमान में आचार्य का ससंघ देश का सबसे बड़ा ससंघ है, जिसमें 300 से ज्यादा मुनि और आर्यिका हैं। आचार्य के विहार के बीच भी सबसे ज्यादा ससंघ उनके साथ होता है। वहीं CM विष्णुदेव साय ने उनके प्राण त्यागने पर नमन किया है। CM साय ने कहा कि विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य विद्यासागर महामुनिराज के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य विद्यासागर महाराज को देश और समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य विद्यासागर के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन। (Acharya Vidyasagar Samadhi)
जानिए किसने क्या कहा
विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ।
छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए… pic.twitter.com/bRvbWKPGHW
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) February 18, 2024
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का स्माधिपूर्वक निधन का समाचार विश्व को स्तब्ध करने वाला है। उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी। उन्होंने ने जीवन के अंतिम श्वास तक जगत का मार्ग प्रशस्त किया है।
आचार्य श्री… pic.twitter.com/f1BI5o0er2
— Kedar Kashyap (@KedarKashyapBJP) February 18, 2024
विश्ववंदनीय संत आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का समाधिस्थ होना सम्पूर्ण जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
परमपूज्य गुरुवर की शिक्षाएं सर्वदा मानवता के कल्याण और जीवों की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेंगी।
पूज्य संत श्री की पवित्र जीवन यात्रा को शत-शत नमन! pic.twitter.com/cXUyfyfXRb
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 18, 2024
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है। मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला
आचार्य श्री के सामने आते… pic.twitter.com/HUB71hEh7E
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 18, 2024
पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के संल्लेखना पूर्वक समाधि लेने की खबर न सिर्फ जैन समाज के लिए बल्कि समूचे भारत और विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है।
ब्रह्मलीन आचार्य श्री विद्याधर जी महाराज ज्ञान, त्याग, तपस्या और तपोबल का सागर रहे हैं। भारत भूमि ऐसे अलौकिक संत के… pic.twitter.com/zNTxsneeia
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 18, 2024
संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की रात्रि 2:35 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि हो गई है। वे ईश्वर रूपी संत थे। शिक्षा व हाथ करघा पर बना कपड़ा पहनने का उनका संदेश हमें #महात्मा_गांधी का संदेश याद दिलाता है।
संदेश –
डोला दोपहर 1 बजे चंद्रगिरी में निकलेगा।*…— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 18, 2024