Delhi Me Kisan Andolan: दिल्ली में किसानों का फिर आंदोलन, इन मांगों को लेकर जताया विरोध

Delhi Me Kisan Andolan: दिल्ली में किसानों ने एक बार फिर प्रदर्शन किया है। दरअसल, किसानों ने बेरोजगारी के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर महापंचायत बुलाई। पुलिस द्वारा किए गए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच कई राज्यों के सैकड़ों किसान जंतर-मंतर पर पहुंचे और प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ किसानों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। UP और हरियाणा से लगती सीमाओं पर भी किसानों को रोका गया। बता दें कि देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर भारतीय किसान संघ समेत कुछ किसान संगठनों ने महापंचायत का आह्वान किया था। इस बीच बड़ी संख्या में किसान पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को पलटते हुए जंतर-मंतर पर पहुंचे।

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किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सिंघू, टिकरी और गाजीपुर समेत सभी सीमाओं पर अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया। गाजीपुर सीमा पर कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया और बसों में ले जाया गया। रेलवे ट्रैक, बस स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों पर भी पुलिस बलों की भारी तैनाती देखी गई। राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में ट्रैफिक भी जाम हो गया, क्योंकि पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच की। किसानों ने लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई और नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग की है। (Delhi Me Kisan Andolan)

वहीं स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले के मुताबिक MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए। देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए, बिजली बिल 2022 रद्द किया जाए, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरंत किया जाए। इसके आलावा किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमें वापस लिए जाएं, भारत WTO से बाहर आए और सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द किया जाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का भुगतान तुरंत किया जाए और अग्निपथ योजना को वापस ली जाए। (Delhi Me Kisan Andolan)

SKM ने एक बयान में कहा कि जंतर-मंतर पर आज का विरोध संयुक्त किसान मोर्चा का आह्वान नहीं है। कुछ किसान संघ जो किसानों के विरोध 2020-21 के दौरान SKM का हिस्सा थे, वे इसका आयोजन कर रहे हैं। BKU नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बताया कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है। करनाल बाईपास पर वाहनों को रोका गया। हम इस महापंचायत को शांति से कर रहे हैं और हमारा कार्यक्रम सिर्फ एक दिन के लिए है। लोग दूर से आए हैं और उन्हें इकट्ठा होने दिया जाना चाहिए। प्रशासन से हमारा अनुरोध है कि वाहनों को आगे बढ़ने दिया जाए। (Delhi Me Kisan Andolan)

बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत को रविवार को पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया था। राकेश टिकैत ने महापंचायत में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश की थी। राकेश टिकैत ने बाद में रिहा होने के बाद ट्वीट किया था कि यह संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रहेगा। रुकेंगे नहीं, थकेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस केंद्र के इशारे पर काम कर रही है। इससे पहले पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के हजारों किसानों ने लगभग एक साल तक केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा डाला था। नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को ये कहते हुए वापस ले लिया था कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों को नए कानून में सुधारों के लाभों के बारे में नहीं समझा सकी। हालांकि आंदोलन काफी लंबा चला था। (Delhi Me Kisan Andolan)

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