
Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में चल रहे दिव्य भव्य महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में आज सोमवार को धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। इस सत्र में सनातन धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए सनातन बोर्ड के गठन पर औपचारिक रूप से मुहर लगाई जाएगी। यह ऐतिहासिक निर्णय सनातन धर्म को एक संगठित और संरक्षित स्वरूप प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। महाकुंभ नगर से सेक्टर-17 में शांति सेवा शिविर में दोपहर 12 बजे धर्म संसद का आयोजन होगा।
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कथावाचक देवकीनंदन की अगुवाई में धर्म होगी संसद
कथावाचक देवकीनंदन की अगुवाई में धर्म संसद होगी। इस धर्म संसद में मुख्य रूप से देश में सनातन पोर्ट का गठन किया जाने का मुद्दा रखा जाएगा।
इस धर्म संसद में एकत्रित होंगे सभी अखाड़ों के पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वर
इस धर्म संसद में सभी अखाड़ों के पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वरों के साथ ही अलग-अलग संप्रदायों के दूसरे प्रमुख संत महात्माओं को बुलाया जाएगा। संघ और राजनीति से जुड़े हुए किसी भी व्यक्ति को इस धर्म संसद में नहीं बुलाया गया है।
धर्म संसद के आयोजन के लिए वरिष्ठ संतों की पांच सदस्यीय कमेटी गठित
धर्म संसद के आयोजन के लिए वरिष्ठ संतों की पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। इस कमेटी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी के साथ ही आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर बालकानंद गिरी, जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी, उदासीन अखाड़े के हरिचेतनानंद और मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर शामिल है। (Mahakumbh 2025)
सनातन बोर्ड का उद्देश्य
सनातन बोर्ड के गठन का उद्देश्य सनातन धर्म के संरक्षण, प्रचार-प्रसार, और आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा देना है। इसके मुख्य कार्य:
1. धार्मिक स्थलों का संरक्षण: प्राचीन मंदिरों और तीर्थ स्थलों की सुरक्षा और संवर्धन।
2. आध्यात्मिक शिक्षा: सनातन धर्म के ग्रंथों और परंपराओं की शिक्षा के लिए संस्थानों की स्थापना।
3. युवाओं का जुड़ाव: युवाओं को धर्म और संस्कृति से जोड़ने के लिए आधुनिक माध्यमों का उपयोग।
4. सामाजिक समरसता: हिंदू धर्म के विभिन्न पंथों और परंपराओं को एकजुट करना।
5. वैश्विक पहचान: सनातन धर्म के सिद्धांतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाना।