Trending

दिव्यांग कलाराम ने किया छत्तीसगढ़ का नाम रौशन, पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में जीते दो गोल्ड मेडल

Divyang Kalaram Patel: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के करमण्डी निवासी दिव्यांग कलाराम पटेल ने छत्तीसगढ़ का नाम खेल जगत में रौशन किया हैं। राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स खेल बंगलुरु में बलौदाबाजार के दिव्यांग कलाराम पटेल (Divyang Kalaram Patel) ने दो गोल्ड मेडल हासिल किया हैं। 100 मीटर दौड़ व लांग जम्प में यह मैडल हासिल किया हैं। 

चौथा राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स खेल का आयोजन बंगलुरू (कर्नाटका) का 17 अगस्त से 20 तक आयोजित हुआ हैं। देशभर से सभी राज्यों के खिलाड़ी इससे शामिल हुए थे। सभी राज्यों से 1400 खिलाडियों ने भाग लिया था। साथ ही दो देशों से भी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिए थे। जिसमें श्रीलंका से 75 खिलाड़ी व नेपाल से 39 खिलाड़ी आयोजन में भाग लिए थे। 

यह भी पढ़ें : 32 Inch Smart TV: 32 इंच का TV 8 हजार तक हुआ सस्ता, सिर्फ इतने हजार में घर लाए नया स्मार्ट TV

गोल्ड मैडल हासिल करने वाले दिव्यांग कलाराम पटेल ने बताया, यह उपलब्धि सभी छत्तीसगढ़वासियों के आशीर्वाद से प्राप्त हुआ हैं। मैंने अपना 100 परसेंट दिया उसी का नतीजा दो गोल्ड मैडल के रूप में ईनाम मिला। उन्होंने स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सचिव डिगेश टण्डन, छत्तीसगढ़ टीम के कोच वसीम रजा के साथ मार्गदर्शक हृदयानंद साहू, समाजसेवी श्रद्धानंद अग्रवाल सहित सभी शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया। जिनके प्रयासों व मार्गदर्शन से आज यह उपलब्धि हासिल कर पाया।

शिक्षक हृदयानंद साहू ने दिव्यांग कलाराम पटेल की उपलब्धि पर बधाई देते हुआ कहा, यह बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। अभावों को दरकिनार करते हुए दिव्यांग कलाराम ने न केवल जिले के नाम रौशन किया, अपितु प्रदेश का नाम देश में गौरवान्वित किया हैं। उन्होंने कहा, दिव्यांग कलाराम की आगे भी अपनी उपलब्धि से प्रदेश व देश का नाम रौशन करें। 

समाजसेवी श्रद्धानंद अग्रवाल ने कहा, दिव्यांग कलाराम पटेल बहुत ही होनहार खिलाड़ी हैं। इसकी इस कला को और भी निखारा जा सकता हैं। यह बहुत बड़ी विडंबना हैं, शासन- प्रशासन से बराबर सहयोग नही मिल पा रहा हैं। दिव्यांग कलाराम को खेल सामग्री/ उचित मार्गदर्शन की सुविधा का सहयोग मिलने पर यह होनहार खिलाड़ी प्रदेश के साथ देश का भी नाम रौशन कर सकता हैं।

आपको बता दे, दिव्यांग कलाराम पटेल (Divyang Kalaram Patel) शुरू से ही खेल के प्रति काफी रुचि हैं। अब तक वह कई मैडल व पुरुस्कार अपनी काबिलियत से प्राप्त कर चुके हैं। दिव्यांग कलाराम का जीवन बहुत ही आभावों में गुजर रहा हैं। कभी कभी यह भी स्थिति निर्मित हो जाती हैं कि, खेलों के आयोजन में आर्थिक दिक्क्तों के कारण भाग नहीं ले पा रहे थे। ऐसे समय में उनके स्थानीय मार्गदर्शक हृदयानंद साहू ने आर्थिक व मानसिक सपोर्ट बहुत किया हैं। दिव्यांग कलाराम को खेल की सभी सुविधा व आर्थिक सपोर्ट मिल जाये तो वह एक दिन देश का नाम पुरे विश्व में रौशन कर सकता हैं।   

Divyang Kalaram Patel

Related Articles

Back to top button