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EVM-VVPAT Case: सुप्रीम कोर्ट का EVM-VVPAT पर आया फैसला, पीएम मोदी बोले- ‘ईवीएम को बदनाम करने वालों के सपने चूर-चूर हो गए’

EVM-VVPAT Case: सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम पर सवाल उठाने और बैलेट पेपर से मतदान करने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। ईवीएम-वीवीपैट (EVM-VVPAT Case) मिलान वाली याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पर्चियों का मिलान नहीं किया जा सकता है। इसी तरह सर्वोच्च अदालत ने ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से मतदान कराने की याचिका भी खारिज कर दी।

“सुप्रीम कोर्ट का फैसला कई लोगों के चेहरे पर तमाचा”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर अब वापस लौट करके नहीं आएगा। आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की तारीफ करती है, तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए बदनीयत से ईवीएम को बदनाम करने में लगे पड़े थे। इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है। लेकिन आज इन्हीं लोगों को देश की सर्वोच्च अदालत ने ऐसा करारा तमाचा मारा है कि ये मुंह ऊपर करके देख भी नहीं पाएंगे. आज का दिन लोकतंत्र के लिए विजय का दिन है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए इसे लोकतंत्र का विजय दिवस बताया। बिहार की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि INDI गठबंधन के हर नेता ने EVM को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है, लेकिन आज देश के लोकतंत्र और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए, आज सुप्रीम कोर्ट ने मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं।

पीएम ने आगे कहा, आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की, भारत की चुनाव प्रक्रिया की, चुनाव में टेक्नोलॉजी के उपयोग की वाहवाही करती है, तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए EVM को बदनाम करने पर लगे पड़े थे। इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है। (EVM-VVPAT Case)

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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए ये निर्देश

पीठ ने कहा कि ‘संतुलित परिपेक्ष महत्वपूर्ण है। आंख मूंदकर किसी भी व्यवस्था पर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। सार्थक आलोचना करने की जरूरत है फिर चाहे वो न्यायपालिका हो या फिर विधायिका। लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास कायम रखने के बारे में है। विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।’ सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम संबंधी याचिकाओं को खारिज करने के साथ ही चुनाव आयोग के लिए भी दो निर्देश जारी किए हैं। जिसके पहले निर्देश के तहत कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग को ईवीएम में चुनाव चिन्ह लोड करने के बाद चुनाव चिन्ह लोडिंग यूनिट को सील करके सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए। इन सील कंटेनर्स को चुनाव नतीजे घोषित होने के 45 दिन बाद तक ईवीएम के साथ ही सुरक्षित स्टोर रूम में रखना चाहिए।

उम्मीदवारों की लिखित मांग पर जांची जा सकेगी ईवीएम

अदालत ने ये भी निर्देश दिया कि निर्वाचन सीट पर चुनाव के बाद पांच प्रतिशत ईवीएम मशीनों, जिनमें ईवीएम के साथ कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपैट भी शामिल हो, उनके इस्तेमाल हुए मेमोरी सेमीकंट्रोलर्स, ईवीएम बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर्स द्वारा चेक किए जाएं। दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों की लिखित मांग पर जांच हो सकती है। चुनाव नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर यह मांग की जा सकती है। जांच की मांग करने वाले उम्मीदवार को ही इसकी लागत वहन करनी होगी और अगर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप सही साबित हुआ तो चुनाव आयोग को उम्मीदवार को लागत के पैसे लौटाने होंगे। (EVM-VVPAT Case)

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