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पूर्व मंत्री Chandrashekhar Sahu के खिलाफ धारा 306 के तहत जमानती वारंट जारी

राजिम (गरियाबंद) : 10 वर्ष पुराने आत्महत्या के एक मामले में न्यायालय ने पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू (Chandrashekhar Sahu) के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले भी जमानती वारंट न्यायालय ने जारी किया था, लेकिन पुलिस प्रशासन तामिल नहीं करा पाया है। वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र देवांगन ने बताया कि अब न्यायालय ने आईजी को कड़ा पत्र लिखते हुए आगामी 28 अप्रैल को होने वाली पेशी में आरोपी चन्द्रशेखर साहू (Chandrashekhar Sahu) को उपस्थित करवाने कहा है।

प्रकरण के मुताबिक समीपस्थ ग्राम मानिकचौरी के हेमलता साहू ने अपने पति व्दारा की गई आत्महत्या पर पूर्व मंत्री चन्द्रशेखर को प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कोर्ट में केस दायर की है. जिसके तहत कोर्ट ने परिवाद प्रकरण क्र. 45/2021 के तहत धारा 306 भादसं के अंतर्गत चन्द्रशेखर साहू पर कार्यवाही जारी है।

मिली जानकारी के अनुसार चंद्रशेखर साहू पिता स्व. सुंदरलाल साहू (85) निवासी-ए-1 43 परोहर सोसायटी श्रीराम नगर फेस-2 शंकर नगर थाना खम्हारडीह तहसील व जिला रायपुर के विरुद्ध इसी न्यायालय द्वारा समंस/जमानतीय वारंट जारी किया गया है। प्रकरण 10 वर्ष पुराना है तथा माननीय छग उच्च न्यायालय के द्वारा प्रकरण शीघ्रातिशीघ्र निराकरण किए जाने के निर्देश है। विदित हो कि न्यायालय द्वारा पूर्व में भी दिनांक 27 जनवरी 2022, 11 फरवरी 2022 को पुलिस अधीक्षक के माध्यम से आरोपी की उपस्थिति के लिए जारी किया गया था। दिनांक 11 मार्च 2022 को जमानतीय वारंट जारी किया गया था, किन्तु आरोपी को जारी उक्त जमानतीय वारंट तामिल न होकर वापस हुआ है। पुलिस आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित किए जाने के लिए उसके विरुद्ध में पुन: जमानतीय वारंट जारी किया गया है। न्यायालय ने आईजी रायपुर को जारी जमानतीय वारंट को अपने अधीनस्थ के माध्यम से आवश्यक रूप से तामील कराकर आगामी पेशी 28 मार्च 2022 के पूर्व न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने की अपेक्षा के साथ प्रेषित था। मगर 28 मार्च के बाद 18 अप्रैल को भी आरोपी चन्द्रशेखर साहू को वारंट तामिल नहीं हो पाया।

आरोपी को वारंट तामिल नहीं करा पा रहे आईजी

आईजी बार-बार आरोपी को वारंट तामिल नहीं करा पा रहे हैं, जिससे ऐसा लगता है कि या तो पुलिस आरोपी चन्द्रशेखर साहू को बचाने का प्रयास कर रही है या फिर आरोपी गिरफ्तारी से बचने निर्धारित पते पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं. जिसके कारण बार-बार उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना हो रही है। जबकि उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण को एक वर्ष के भीतर निपटाने की बात कही थी, लेकिन आज छह माह बीतने के बाद भी आरोपी चन्द्रशेखर साहू को वारंट तामिल नहीं होने के चलते प्रकरण आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इससे ऐसा भी लगता है उच्च न्यायालय के आदेश को ना तो पुलिस प्रशासन और ना ही आरोपी गंभीरता से ले रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र देवांगन ने बताया कि अब न्यायालय ने आईजी को कड़ा पत्र लिखते हुए आगामी 28 अप्रैल को होने वाली पेशी में आरोपी चन्द्रशेखर साहू को उपस्थित करवाने कहा है।

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