Supreme Court: इस्तीफा न दिया होता तो , फिर सीएम बन जाते उद्धव ठाकरे

Shiv Sena Supreme Court Verdict: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत उनके 15 विधायकों की अयोग्याता को लेकर आज सुप्रीम फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने कहा कि शिंदे गुट के गोगवले को चीफ व्हिप नहीं बनाना असंवैधानिक था। देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने कहा कि उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट का सामना करना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने साथ ही कहा कि अगर उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो महाराष्ट्र में उनकी सरकार को बहाल किया जा सकता था। बेंच की इस टिप्पणी के बाद साफ है कि उद्धव ठाकरे अगर इस्तीफा देने की जल्दबाजी नहीं करते तो वह महाराष्ट्र के दोबारा सीएम बन सकते थे।

गोगावाले को नियुक्त करने का फैसला असंवैधानिक

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा शिंदे के बयान का संज्ञान लेने पर स्पीकर ने व्हिप कौन था इसकी पहचान करने का उपक्रम नहीं किया और उन्हें जांच करनी चाहिए थी। गोगावाले को मुख्य सचेतक नियुक्त करने का निर्णय असंवैधानिक था क्योंकि व्हिप केवल विधायी राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त किया जा सकता है। Shiv Sena Supreme Court Verdict

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पार्टी में चल रहे मतभेद में गवर्नर नहीं कर सकते हस्तक्षेप

चीफ जस्टिस ने कहा कि किसी पार्टी में चल रहे मतभेद के आधार पर गवर्नर फ़ैसला नहीं ले सकते। गवर्नर उस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंतरिक पार्टी के विवादों को हल करने के लिए फ्लोर टेस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। न तो संविधान और न ही कानून राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और अंतर-पार्टी या अंतर-पार्टी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है।

उद्धव ठाकरे को नहीं कर सकते बहाल

अदालत ने कहा कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई संचार नहीं था जिससे यह संकेत मिले कि असंतुष्ट विधायक सरकार से समर्थन वापस लेना चाहते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को राहत देने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना ही नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि महाराष्ट्र के राज्यपाल का निर्णय भारत के संविधान के अनुसार नहीं था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्पीकर को अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय के भीतर फैसला करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यथास्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और अपना इस्तीफा दे दिया। Shiv Sena Supreme Court Verdict

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