Finmin Report : देश में आर्थिक प्रदर्शन संतोषजनक, मांग की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत फिनमिन रिपोर्ट

Finmin Report : भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के दौरान संतोषजनक रहा है लेकिन आगे मांग की स्थिति को लेकर चिंता बनी हुई हैं। अर्थव्यवस्था में मांग की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है। वित्त मंत्रालय की ओर से सितंबर महीने की जारी एक समीक्षा रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

यह भी पढ़े :- Jammu Kashmir Encounter : सेना के काफिले पर हमला करने वाले 3 आतंकी ढेर, एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने मार गिराया

भारतीय अर्थव्यवस्था का परिदृश्य अच्छा

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने सोमवार को जारी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट (Finmin Report) के सितंबर संस्करण में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का परिदृश्य अच्छा है। इसका कारण रुपये समेत बाह्य मोर्चे पर स्थिरता, सकारात्मक कृषि परिदृश्य, त्योहारों की मांग में सुधार और सरकारी खर्च में वृद्धि की संभावना है। रिपोर्ट के मुता‍बिक कुल मिलाकर उम्मीद है कि इससे निवेश गतिविधियों में तेजी आएगी।

शहरी मांग में नरमी

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में मांग की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है। मंत्रालय के इस आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ता धारणा में नरमी, सामान्य से अधिक बारिश के कारण सीमित ग्राहक संख्या और विभिन्न मौसमी अवधियों में लोगों के नई खरीदारी से बचने को देखते हुए ऐसा जान पड़ता है कि शहरी मांग में नरमी है।

खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़ी

सितंबर की मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई दर दो महीने की नरमी के बाद सितंबर महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़ी है। इसकी वजह अनियमित मानसून के चलते मुख्य रूप से कुछ सब्जियों की आपूर्ति पर असर पड़ना था। रिपोर्ट के अनुसार कुछ सब्जियों की कीमतों में तेज वृद्धि को छोड़ दिया जाए तो महंगाई काफी हद तक काबू में नजर आ रही है।

निवेशकों के बीच भारत के प्रति धारणा सकारात्मक

रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रत्यक्ष रूप से और पोर्टफोलियो निवेशकों के बीच भारत के प्रति धारणा सकारात्मक है। इन भावनाओं को वास्तविक प्रत्यक्ष और पोर्टफोलियो निवेश में बदलने के लिए आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखना जरूरी है। हालांकि, विदेशी निवेशक सितंबर माह में शेयरों से 85,790 करोड़ रुपये (करीब 10.2 अरब डॉलर) की भारी निकासी की है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में सर्वाधिक निकासी की गई। इससे पहले मार्च, 2020 में एफपीआई ने 61,973 करोड़ रुपये शेयर बाजार से निकाले थे। इसकी वजह चीन में प्रोत्साहन उपाय, आकर्षक शेयर मूल्यांकन और घरेलू शेयर बाजार में शेयरों का मूल्यांकन अधिक होना है।

सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक बाह्य क्षेत्र लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। यह बढ़ते पूंजी प्रवाह, स्थिर रुपये और संतोषजनक विदेशी मुद्रा भंडार से पता चलता है। इस साल सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया था। इसके साथ ही भारत सबसे ज्‍यादा विदेशी मुद्रा भंडार वाले टॉप चार देशों में शामिल हो गया। इस रिपोर्ट में नौकरी बाजार के संबंध में कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों में वृद्धि जारी है। यह वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण से भी पता चलता है। वहीं, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत नए लोगों के जुड़ने, क्रय प्रबंधकों के रोजगार उप-सूचकांक और नौकरी जॉब स्पीक इंडेक्स संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन का संकेत देते हैं। हालांकि, कुछ रिपोर्ट में कृत्रिम मेधा (एआई) से कर्मचारियों के नौकरी जाने की बात आई है। ऐसे में इस पर नजर रखने की जरूरत है। (Finmin Report)

Back to top button
error: Content is protected !!