Farmers Protest: आज चौथी बार सरकार के साथ किसानों की होगी बैठक, ये हैं अन्नदाताओं की मांगें

Farmers Protest: किसान संगठन अपनी मांगों को मनमाने के लिए एक बार फिर सड़क पर हैं। एमसएसपी पर कानून समेत कई मांगों को लेकर किसान संगठनों का प्रदर्शन पिछले कुछ दिनों से जारी है। दिल्ली कूच को निकले किसानों को भले ही पुलिस ने पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर रोक लिया है लेकिन, किसानों ने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी है। आज किसान संगठनों के बीच सरकार की चौथे दौर की वार्ता होनी है। यह सबसे अहम बैठक मानी जा रही है।

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सूत्रों के अनुसार, सरकार एमएसपी पर एक कमेटी की घोषणा कर सकती है। इसके लिए सरकार आज की बैठक में किसान संगठनों को प्रस्ताव भी दे सकती है। आज की बैठक में किसान संगठन निर्णय ले सकते हैं कि वे दिल्ली कूच का आह्वान जारी रखेंगे या घर वापसी करेंगे।

केंद्रीय मंत्रियों के साथ कई मुद्दों को हल करने के लिए किसान संगठन रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इससे पहले पंजाब फार्म यूनियन नेताओं ने शनिवार को कहा कि सरकार को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी प्रदान करने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा, ”अगर सरकार चाहे तो रातों-रात अध्यादेश ला सकती है। अगर वह किसानों के विरोध का समाधान चाहती है तो उसे अध्यादेश लाना चाहिए। (Farmers Protest)

आज शाम 6 बजे होगी बैठक
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय आज एक बार फिर से किसानों के साथ बैठक करेंगे. ये बैठक चंडीगढ़ स्थित पंजाब सरकार के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में शाम को 6 बजे होगी. (Farmers Protest)

किसानों की मांगें क्या?
किसानों की सबसे अहम मांग ये है कि उन्हें सभी फसलों की खरीद पर एमएसपी की गारंटी मिले. इसके लिए कानून बनाया जाए.
फसलों की कीमत डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक तय हो. किसानों को सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से 50 पर्सेंट ज्यादा एमएसपी मिले.
विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए.
किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं.
नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. फसल बीमा सरकार खुद करे.
मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.
किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्ज माफ हो और किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए.
सरकार 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दे.
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो.
लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. आरोपियों की जमानत रद्द की जाए.
मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.

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