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Bhagawan Shanidev: इस तरह करें भगवान शनि की पूजा, हनुमानजी को चढ़ाएं चोला

Bhagawan Shanidev: शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा होती है। इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों को मनोवांछित फल देते हैं और बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं। इसके लिए उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है। अगर आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनिदेव की पूजा करते समय कुछ मंत्रों का भी जाप करने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है और जीवन की सभी समस्याएं खत्म होने लगती हैं। कहते हैं कि जिसका शनि अच्छा होता है वह राजपद या राजसुख पाता है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की ग्रह दशा में भी सुधार होता है।

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ये 5 उपाय दूर करेंगे शनिदेव की नाराजगी

शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ में दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं,अगर पीपल का पेड़ किसी मंदिर में लगा हो, तो इसे और भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपके कई कष्ट दूर हो जाते हैं,आर्थिक रूप से विशेष लाभ मिलता है। शनिदेव हनुमान जी को अपना सच्चा मित्र मानते हैं और उनकी पूजा करने वाले से अत्यंत प्रसन्न होते हैं, पौराणिक मान्यता के अनुसार शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि वे हनुमान जी के भक्तों को कभी नहीं सताएंगे,ऐसे में शनिदेव के कष्टों से मुक्त होने के लिए आप शनिवार के दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। (Bhagawan Shanidev)

अगर आपके आसपास कोई शनि मंदिर है तो आप शनिवार के दिन शनिदेव की प्रतिमा पर नीले रंग का पुष्प चढ़ाएं और सरसों का तेल चढ़ाएं, इससे भी शनि प्रसन्न होते हैं,लेकिन कुछ भी अर्पित करते समय अपनी आंखों को नीचे झुकाकर रखें. शनिदेव से नजरें न मिलाएं क्योंकि उनकी दृष्टि वक्र मानी जाती है। हर शनिवार को पीपल को जल चढ़ाकर सात बार उसकी परिक्रमा करें,पीपल में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है, गीता में स्वयं श्रीकृष्ण ने कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं, शनिदेव को श्रीकृष्ण भगवान का अनन्य भक्त माना जाता है, इसलिए वे पीपल की पूजा करने वाले व्यक्ति से बहुत प्रसन्न होते हैं। (Bhagawan Shanidev)

किसी जरूरतमंद व्यक्ति को शनिवार के दिन आप तेल दान करें. तेल दान करने से पहले उस तेल को एक बर्तन में लेकर उसमें अपना चेहरा देख लें, इससे शनि का प्रभाव कम हो जाता है, इसके अलावा शनिवार के दिन किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं, वस्त्र, काली दाल, काले तिल, काले चने आदि कोई काले रंग की वस्तु देकर उसकी मदद करें. कुत्तों को सरसों का तेल लगी रोटी खिलाएं। (Bhagawan Shanidev)

शनिवार व्रत और पूजा विधि

शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर शनि देव का स्मरण करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करना चाहिए। लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराना और मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित (Shani Dev Ji) करें। इसके बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र और तेल से पूजा करें। व्रत में पूजा के बाद शनि देव की कथा का श्रवण करें और दिनभर उनका स्मरण करते रहें।

पूजा के बाद अपनी क्षमतानुसार, ब्राह्मणों को भोजन कराएं और लौह वस्तु, धन का दान करें। इस दिन व्यक्ति को एक ही बार भोजन करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन चीटियों को आटा डालना फलदायी माना गया है। इस तरह शनि देव का व्रत रखने से दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदला जा सकता है और हर विपत्ति को दूर किया जा सकता है। ज्योतिषी के मुताबिक शनिवार का व्रत किसी भी शनिवार (Shani Dev Ji) से शुरू कर सकते हैं, लेकिन श्रावण मास में शनिवार का व्रत शुरू करने का विशेष महत्व माना गया है। 7, 19, 25, 33 या 51 शनिवार व्रत सभी दुख-दरिद्रता, रोग-शोक का नाश कर धन-वैभव से संपन्न करने वाले माने गए हैं।

शनिवार व्रत का क्या होता है महत्व?

शनिवार के दिन व्रत करने से शनि ग्रह (Shani Dev Ji) का दोष समाप्त हो जाता है। भविष्य में आने वाले प्रकोप से भी बचा जा सकता है। साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा मिलता है और बिगड़ा काम पूरा होता है। इससे नौकरी और व्यापार में सफलता तो मिलती ही है। साथ ही साथ सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और धन-यश की भी प्राप्ति होती है। शनिवार के दिन व्रत रखने से घर में सुख और शांति रहती है। इसके अलावा रोग से भी छुटकारा मिलता है। शनिवार का व्रत अन्य सभी वारों के व्रत में सबसे ज्यादा अहम माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक जिन व्यक्तियों कि कुंडली में शनि निर्बल अवस्था में होता है उन व्यक्तियों को शनिवार का व्रत जरुर करना चाहिए।

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