Uddhav Bayan: जब उद्धव ठाकरे ने कहा- हमारे ही कुछ निकम्मों के हाथों एकजुटता को तुड़वाने का प्रयास हो रहा

Uddhav Bayan: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों के खिलाफ सख्त और आपत्तिजनक बातें कही है। दरअसल, उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि वे शिवसेना को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं। साथ ही उन्होंने पार्टी के चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ को लेकर भी भारत निर्वाचन आयोग पर भरोसा जताया है। बता दें कि चुनाव आयोग ने उद्धव कैंप और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह से 8 अगस्त तक दावे और आपत्तियों बुलाए हैं। इधर, उद्धव ने आरोप लगाए कि बागियों के जरिए ही हिंदुओं और मराठी समुदाय में फूट डलवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि- सच कहूं तो मुझे चिंता मेरी नहीं है, शिवसेना की तो बिल्कुल नहीं है। हां, थोड़ी-बहुत चिंता है, तो निश्चित तौर पर महाराष्ट्र के लोगों की, हिंदुओं और हिंदुत्व की है। इसका कारण, हिंदू द्वेषी और मराठी द्वेषी ये हमारे घर में ही हैं। मराठी लोगों की एकजुटता टूटे, हिंदुओं में फूट पड़े और मराठी माणुस, हिंदुओं को एकजुट करने के लिए जो मेहनत माननीय शिवसेना प्रमुख ने जीवन भर की उसे हमारे ही कुछ निकम्मों के हाथों तुड़वाने और फुड़वाने का प्रयास किया जा रहा है, इसकी मुझे चिंता है।

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बता दें कि जब शिंदे की अगुवाई में विधायक बगावत कर गुवाहाटी पहुंचे थे तो खबरें आई थी कि कैंप अपनी पार्टी के नाम में बाला साहब ठाकरे के नाम को शामिल कर सकता है। उसके बाद से ही शिवसेना संस्थापक के नाम के इस्तेमाल को लेकर बहस जारी है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ने अपने पिता का नाम लेने पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने बागियों से उनके ही माता-पिता का ‘आशीर्वाद’ लेकर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ‘मेरे पिता को क्यों चुरा रहे हैं? मतलब क्या तुम में कर्तृत्व नहीं है, तुम्हारे में हिम्मत नहीं है, तुम मर्द नहीं हो। तुम विश्वासघाती हो। और मेरे साथ तुमने विश्वासघात किया ही। लोगों के साथ विश्वासघात करते हुए बालासाहेब के प्रति भ्रम क्यों पैदा कर रहे हो? तुम खुद को मर्द वगैरह समझते हो ना? तो तुम्हारा मर्दाना चेहरा लो और जाओ आगे, वोट मांगो। (Uddhav Bayan)

चुनाव आने दो, हम उन्हें ही गाड़ देंगे: उद्धव

वहीं शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष बाण को लेकर उद्धव ने इशारों-इशारों में चेतावनी भी दे दी है। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि मेरा अब भी देश के संविधान पर भरोसा है। कानून पर भरोसा है। चोरी-चकारी सब जगह चलती है, ऐसा मेरा बिल्कुल भी मानना नहीं है। मैं मानता हूं ‘सत्यमेव जयते’ है… नहीं तो यह वाक्य तुम्हें बदलना पड़ेगा और फिर एक ही वाक्य को दो वाक्य में बदलना पड़ेगा। एक तो ‘असत्यमेव जयते’ और दूसरा ‘सत्तामेव जयते’। इसलिए सत्तामेव जयते के सामने आप असत्य लेकर कुछ करने वाले हो तो जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। उद्धव ने भरोसा जताया है कि बगावत करने वालों को जनता जवाब देगी। शिवसेना पर नियंत्रण को लेकर उन्होंने कहा कि लोग चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। हमें सबूत देने की जरूरत नहीं है, लोग कह रहे हैं कि चुनाव आने दो, हम उन्हें ही गाड़ देंगे। शिवसेना प्रमुख ने आगे कहा कि जनता ही इन्हें राजनीति से मिटा देगी। (Uddhav Bayan)

मेरे साथ विश्वासघात हुआ: उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है। दिल्ली ने महाराष्ट्र की पीठ में छुरा घोंपा है। महाराष्ट्र सरकार गिराने की प्लानिंग तब की गई, जब वे अस्पताल में भर्ती थे और हिल भी नहीं पा रहे थे। उद्धव ने कहा कि अगर मैंने शिंदे को मुख्यमंत्री बना भी दिया होता तो उसके इरादे शैतानी हैं। सड़े हुए पत्तों को पेड़ से गिर ही जाना चाहिए। जिन्हें पेड़ ने सब कुछ दिया, वे खुद ही पेड़ को छोड़कर जा रहे हैं। जिन्हें सबसे ज्यादा फायदा मिला, वहीं पार्टी छोड़कर गए। ये वो लोग थे, जो अपनी ही मां यानी असली शिवसेना को निगल जाना चाहते हैं, लेकिन मां तो आखिर मां होती है। हम साधारण लोगों में से असाधारण लीडर्स बनाएंगे। उद्धव ने कहा कि शिंदे गुट पर भरोसा करना उनकी सबसे बड़ी गलती थी। उद्धव ने शिंदे गुट से कहा कि वे बालासाहेब के नाम पर वोट न मांगें। ये बातें उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में कही। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद यह उद्धव का पहला इंटरव्यू है। (Uddhav Bayan)

हिंदुओं के बीच एकता को खत्म करने की कोशिश: उद्धव ठाकरे

उद्धव ने शिंदे गुट के साथ गठबंधन करने को लेकर भाजपा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने 2019 में मेरी मांगें मान ली होतीं, तो उनके लिए हमारे मन में इज्जत बढ़ जाती। भाजपा ने अब जो किया है, वह तब बेहद इज्जतदार तरीके से हो सकता था। उन्होंने इस बार जो करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, वे बच जाते। दिल्ली ने महाराष्ट्र की पीठ में छुरा घोंपा है। जिन लोगों ने उनका ख्याल रखा, अब वे उन्हें ही खत्म कर देना चाहते हैं। उद्धव ने कहा कि कुछ लोग हिंदुओं के बीच एकता को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि शिवसेना खत्म हो जाए ताकि वे हिंदुत्व के अकेले ब्रांड बने रहें। वे ठाकरे को शिवसेना से अलग करना चाहते हैं। शिवसेना, कांग्रेस और NCP के गठबंधन महा विकास अघाड़ी के बारे में उद्धव ने कहा कि यह गठबंधन नवंबर 2019 में हुआ था। अगर यह प्रयोग एक गलती था तो लोग हमारे खिलाफ विद्रोह कर चुके होते, लेकिन अजीत पवार ने कभी मेरी आवाज दबाने की कोशिश नहीं की। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कई दिनों तक चले सियासी उठा-पटक के बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने हैं।

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