Jagdeep Dhankhar Win: जगदीप धनखड़ होंगे भारत के अगले उपराष्ट्रपति, 528 वोटों से दर्ज की जीत

Jagdeep Dhankhar Win: NDA के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति होंगे। उपराष्ट्रपति के लिए शनिवार शाम 5 बजे वोटिंग खत्म हुई। संसद में दोनों सदनों को मिलाकर 780 सदस्य हैं, लेकिन 725 सदस्यों ने ही वोटिंग की। इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 363 था। काउंटिंग में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी NDA के उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले। जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले। वहीं 15 वोट निरस्त कर दिए गए। बता दें कि ममता ने अपने 36 सांसदों को वोटिंग से दूर रहने की बात कही थी, लेकिन TMC सांसद शिशिर अधिकारी और दिव्येंदु अधिकारी ने ममता के फैसले के खिलाफ वोट किया। (Jagdeep Dhankhar Win)

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आंकड़ों के हिसाब से NDA कैंडिडेट धनखड़ की जीत के लिए BJP के ही वोट काफी है। BJP के दोनों सदनों में 394 सांसद हैं, ये बहुमत के आंकड़े 363 से ज्यादा है। वहीं समाज वादी पार्टी-शिवसेना के 2 और बसपा के एक सांसद ने वोट नहीं किया। जबकि भाजपा सांसद सनी देओल और संजय धोत्रे ने वोट नहीं किया। कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी कोरोना संक्रमित हैं। वे PPE किट पहन कर संसद भवन पहुंचे और वोट डाला। शुक्रवार को कोविड टेस्ट में सिंघवी पॉजिटिव पाए गए थे। NDA के सांसदों के अलावा धनखड़ को BJD, YSRC, BSP, TDP, अकाली दल और शिंदे गुट का भी समर्थन मिला है। (Jagdeep Dhankhar Win)

देश का दूसरा उच्चतम संवैधानिक पद

बता दें कि भारत के उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा उच्चतम संवैधानिक पद है। उनका कार्यकाल पांच साल की अवधि का होता है, लेकिन वह इस अवधि के समाप्त हो जाने पर भी अपने उत्तराधिकारी के पद ग्रहण करने तक पद पर बने रह सकते हैं। संविधान इस बात पर मौन है कि भारत के उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने से पहले जब उनका पद रिक्त हो जाता है या जब उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं, तब उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों का पालन कौन करता है। संविधान में एकमात्र उपबंध राज्य सभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति के ऐसे कृत्य से संबंधित है जिसका निर्वहन ऐसी रिक्ति की अवधि के दौरान, राज्य सभा के उप सभापति द्वारा या भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्राधिकृत किए गए राज्य सभा के किसी अन्य सदस्य द्वारा किया जाता है। उपराष्ट्रपति द्वारा अपने पद का त्याग भारत के राष्ट्रपति को अपना त्याग पत्र देकर किया जा सकता है। त्याग पत्र उस तारीख से प्रभावी हो जाता है, जिससे उसे स्वीकार किया जाता है।

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