Premchand vishay par goshti: धरसींवा कॉलेज में प्रेमचंद पर विचार गोष्ठी का आयोजन, ये हुए शामिल

Premchand vishay par goshti: पंडित श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय धरसींवा के हिंदी विभाग तथा आंतरिक गुणवत्ता एवम आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 5 अगस्त 2022 को प्रेमचंद जयंती विशेष विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें दैनिक हरिभूमि के चौपाल परिशिष्ट के सम्पादक डॉ दीनदयाल साहू ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के प्राचार्य डॉ शबनूर सिद्दीकी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रेमचंद के जीवन व रचना संसार के बारे में विस्तार से बताया।प्रेमचंद को उपन्यास और कहानी सम्राट की उपाधि दिए जाने के अर्थ के बारे में बताते हुए उनकी प्राथमिक से उच्चतर कक्षाओं में शामिल सरल और प्रभावी कहानियों कोयाद किया। 

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मुख्य वक्ता के रूप में डॉ दीनदयाल जी ने गोष्ठी के विषय “वर्तमान परिदृश्य में प्रेमचंद की कहानियाँ” पर अपने विचार रखते हुए बताया कि किस तरह उनकी सभी कहानियां आज के परिदृश्य में भी प्रासंगिक और सार्थक हैं। डॉ दीनदयाल जी ने प्रेमचंद की कहानी लेखन की यात्रा का वर्णन करते हुए उनकी कालजयी कहानियाँ यथा- कफ़न , पूस की रात,उपदेश,पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, ईदगाह,जुलूस,नषासुजान भगत जैसे कहानियों के बारे में विस्तार से चर्चा के साथ ही उनकी वर्तमान परिस्थितियों में प्रासंगिकता के बारे में विद्यार्थियों को बताया। ईदगाह के हामिद आज भी भारत के गली मोहल्ले में मिल जाएँगे पर प्रेमचंद की आदर्शवादिता के साक्षात प्रतिमूर्ति हामिद का भोलापन और अपनी बूढ़ी दादी का ध्यान रखने वाले बालपन आज कहीं खोता सा जा रहा है। (Premchand vishay par goshti)

 

किसान आज खेती किसानी के अपने धर्म से विमुख होते जा रहे हैं , उन्हें अब खेत अपनी माँ नजर नहीं आती बल्कि जमीन का एक अदद सा टुकड़ा ही लगने लगा है।मुंशी जी इसी जमीन से जुड़े कथाकार थे।उन्हें किसान जीवन का महान कथाकार इसीलिए कहा गया है। प्रेमचंद की कहानियां मूलतः ग्रामीण परिवेश पर सर्वाधिक लिखी गयी हैं। वर्तमान में गांव तो रह गए हैं पर प्रेमचंद केकहानियों के वो गांव वो हलाकू, माधव, घीसू, जमींदार, वो गांव कुछ परिवर्तन के साथ वैसे ही बने हुए हैं। मुख्य वक्ता ने प्रेमचंद की कहानियों में किसानों की समस्याओं पर विशेष रूप से चर्चा की।चाहे वह हड़ताल हो किसानों का कर्ज हो । सभी को आज भी प्रासंगिक बताया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भी अपने विचार रखे।जिज्ञासाओं को प्रश्न के उत्तर पाकर शान्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ सी एल साहू, कल्पना पांडेय, डॉ नाग भार्गवी,डॉ स्वाति शर्मा, प्रोफेसर कौशल किशोर, प्रशांत रथ,अदीति भगत ,हेमन्त देशमुख और बड़ी संख्या में स्नातक एवम स्नातकोत्तर छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। (Premchand vishay par goshti)

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