Monsoon in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन, भीषण गर्मी से मिलेगी राहत

Monsoon in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन हो चुका है, लेकिन इस बार मानसून दुर्ग के रास्ते छत्तीसगढ़ पहुंचा है। बता दें कि बस्तर में सबसे पहले पहले मानसून आता है। इस बार 15 जून की शाम ये बादल जिले में पहुंचे। तेज बारिश की बौछारें पड़ने लगीं। रात भर में ये बादल दक्षिण छत्तीसगढ़ के 12 जिलों पर छा गए हैं। उनकी उत्तरी सीमा दुर्ग शहर है। यहां से चलकर अब बादल पूरे प्रदेश में छा जाएंगे और राहत की बारिश होने लगेगी।

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मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर अरब सागर, गुजरात राज्य, पूरे मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कुछ और हिस्सों, दक्षिण मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है। मानसून की उत्तरी सीमा पोरबंदर, भावनगर, खंडवा, गोंदिया, दुर्ग, भवानीपटना, कलिंगपट्टनम, बालुरघाट और सुपौल तक है। उत्तर अरब सागर, गुजरात राज्य, मध्य प्रदेश, विदर्भ के शेष हिस्सों, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। (Monsoon in Chhattisgarh)

रायपुर मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण छत्तीसगढ़ में कल कई स्थानों पर भारी बारिश के बाद मानसून डिक्लेयर हुआ है। अगले कुछ दिनों में मानसून रायपुर होते हुए अंबिकापुर तक के हिस्सों पर पूरी तरह छा जाएगा। छत्तीसगढ़ में मानसून की शुरुआत सामान्य तौर पर 15 से 16 जून से माना जाता है। पिछले साल यह 6 दिन पहले ही यानी 9 से 10 जून की रात में ही रायपुर तक पहुंच गया था। प्रदेश के आधे से अधिक हिस्सों में जोरदार बारिश के साथ मानसून की घोषणा हुई थी। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए समय से मानसून का आना और सामान्य रहना बड़ी राहत है। यहां खरीफ के फसलों का बड़ा रकबा बरसात पर ही निर्भर है। एक फसली इलाकों में यह बरसात अच्छी फसल की उम्मीद बढ़ाएगा। (Monsoon in Chhattisgarh)

मौसम विज्ञानी ने बताया कि इसके लिए तीन-चार चीजें जरूरी है। पहला यह कि क्षेत्र के 60 प्रतिशत से ज्यादा मौसम केंद्रों पर दो दिनों से 2.5 मिमी लगातार बरसात दर्ज हुई हो। दूसरा, पश्चिमी हवा की गहराई कम से कम तीन किलोमीटर तक हो। तीसरा, क्षेत्र में लगातार बादल छाए हुए हों और चौथा क्षेत्र की हवा में नमी की मात्रा अधिक ऊंचाई तक बढ़ी हुई हो। ऐसी परिस्थितियों में सामान्य तौर पर मानसून घोषित किया जाता है। बता दें कि इस साल 7 जून तक छत्तीसगढ़ में मानसून पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन ये उम्मीद…. उम्मीद बनकर ही रह गई। (Monsoon in Chhattisgarh)

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