Neta Ranchi se Raipur: झारखंड से रायपुर पहुंचे 32 विधायक, एयरलिफ्ट कर लाए गए राजधानी

Neta Ranchi se Raipur: झारखंड में राजनीतिक भूचाल मचा हुआ है। इसी बीच UPA के विधायकों को रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। कांग्रेस-JMM समेत राजद के 32 विधायकों को रांची से इंडिगो के विशेष विमान से रायपुर लाया गया है। विधायकों को 3 बसों में बिठाकर नवा रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट ले जाया गया है। वहीं चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इससे पहले CM हाउस से 2 बस में सवार होकर सभी रांची एयरपोर्ट पहुंचे थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद बस में विधायकों के साथ दिखाई दिए। यहां से सभी इंडिगो की फ्लाइट से रायपुर के लिए निकल गए। वहां दो दिनों के लिए रिसॉर्ट में बुकिंग की गई है। विधायकों को रायपुर भेजकर सोरेन अपने आवास के लिए निकल गए।

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वहीं एयरपोर्ट के बाहर CM ने कहा कि आप लोगों को क्या जानना है। पहले ये बताइए। ये कोई आश्चर्यजनक या नई परिपाटी नहीं है और न ही अनहोनी होने जा रहा है। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्त पक्ष तैयार है। रणनीति के तहत कार्य किए जाते हैं। उसी रणनीति का छोटा सा कार्य ये आपने देखा। आगे भी देखने को मिलेगा। सरकार षड्यंत्रकारियों को जवाब देने के लिए तैयार है। रांची एयरपोर्ट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम दिखे। बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की गई थी। (Neta Ranchi se Raipur)

झारखंड से छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले वालों में कांग्रेस से 12, JMM के 19 और राजद के 1 विधायक शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और संतोष पांडे भी रायपुर पहुंचे। दल-बदल मामले में मरांडी पर सुनवाई पूरी हो गई है। दरअसल, बाबूलाल मरांडी झारखंड विकास मोर्चा के सिंबल पर विधानसभा चुनाव 2019 में निर्वाचित होने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। मरांडी ने कहा कि उन्होंने झाविमो का विलय भाजपा में नियमानुसार किया है। तीन विधायकों में से दो को निष्कासित करने के बाद पार्टी में बचे एक मात्र विधायक ने पार्टी का विलय करने का निर्णय किया। यह दल-बदल का मामला नहीं बनता है। (Neta Ranchi se Raipur)

झारखंड विकास मोर्चा में भाजपा के विलय को निर्वाचन आयोग की मंजूरी भी मिल चुकी है। इससे पहले CM हाउस पहुंचे हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। भाजपा काला अध्याय लिखने का काम कर रही है। बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है। हम बहुत मजबूत हैं और एकजुट हैं। इधर, सियासी संकट के बीच CM हेमंत सोरेन ने 1 सितंबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसमें जनता के हित से जुड़े कई अहम फैसले लेने संबंधी बातें कही जा रही है। इस बीच सोमवार को CM हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी चुनाव आयोग में चर्चा हुई, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका। (Neta Ranchi se Raipur)

जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव आयोग के एक बड़े पदाधिकारी की मानें तो गेंद अभी भी राजभवन के पाले में हैं। चुनाव आयोग ने पहले ही मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद अपना निर्णय सुना दिया है। आदेश राज्यपाल को जारी करना है। राजभवन के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राजभवन इस संबंध में गैजेट जारी करेंगे, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग विधानसभा स्पीकर को देगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। चुनाव आयोग से आए निर्देश संबंधी सवाल पूछने पर CM हेमंत सोरेन ने राज्यपाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये तो राज्यपाल रमेश बैस ही बताएंगे। वे भी इंतजार कर रहे हैं। मौजूदा स्थिति के विषय में ज्यादा अच्छे से राजभवन ही बता पाएगा। CM ने कहा कि वह कुर्सी से दिल्लगी नहीं करते। वे राज्य के सवा तीन करोड़ लोग, आदिवासी, दलित, पिछड़े, गरीब, मजदूरों से दिल्लगी करते हैं। (Neta Ranchi se Raipur)

मुख्मंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं। उन्होंने कहा कि 3 विधायकों की गिरफ्तारी की वजह जांच का विषय है। कुछ ऐसे हैं जो बिकने के लिए खड़े हो जाते हैं और कुछ नहीं बिकते। पकड़े जाने वाले मुसीबत में फंसते हैं। जो बच जाते हैं, उनकी बल्ले-बल्ले हो जाती है। अगर सोरेन की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाती है तो इस पद के लिए सबसे पहला नाम सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का है। दूसरे और तीसरे नंबर पर जोबा मांझी और चंपई सोरेन हैं। दोनों सोरेन परिवार के काफी करीबी और विश्वस्त हैं। कांग्रेस ने भी इन नामों पर अभी तक नहीं किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई है। 10 फरवरी को पूर्व CM रघुवर दास के नेतृत्व में BJP के एक डेलिगेशन ने गवर्नर से मुलाकात की थी। (Neta Ranchi se Raipur)

BJP ने राज्यपाल से CM सोरेन की सदस्यता रद्द करने कि मांग की थी। BJP ने आरोप लगाया था कि CM सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। BJP का आरोप है कि यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है। गवर्नर ने BJP की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी। 15 नवंबर 2000 को झारखंड बनने के साथ ही BJP सरकार में बाबूलाल मरांडी ने पहली बार राज्य की कमान संभाली और झारखंड के पहले CM बने थे। हालांकि वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। उन्होंने आंतरिक विरोध के कारण मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा। (Neta Ranchi se Raipur)

झारखंड बनने के 22 सालों में 11 CM बदल चुके हैं। इनमें मौजूदा CM हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन सबसे कम 10 दिनों के लिए जबकि बीजेपी के रघुवर दास सबसे ज्यादा 5 सालों के लिए CM रहे। रघुवर दास झारखंड के एकमात्र मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। वहीं वर्तमान CM की कुर्सी पर भी तलवार लटक रही है। ऐसा लग रहा है मानों कभी भी उस तलवार से चोटिल हो सकते हैं।

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